*बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के हत्यारों में से एक शूटर अमरजीत सिंह का है आतंकी कनेक्शन, हो रही है 33 साल पुराने मामले की चर्चा…*

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बाबा तरसेम हत्याकांड के फरार हत्यारोपियों में एक अमरजीत सिंह आतंकवादी गतिविधियों में भी लिप्त रहा है। उसके खिलाफ अविभाजित यूपी के समय बिलासपुर थाने में वर्ष 1991 में टाडा (आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) के तहत केस दर्ज है।

बाबा तरसेम सिंह की हत्या में षड्यंत्र रचने के मामले में पुलिस ने बृहस्पतिवार को गुरुद्वारे के सेवादार समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। लेकिन मुख्य हत्यारोपी व शार्प शूटर सर्बजीत सिहं और अमरजीत सिंह अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। सूत्रों के मुताबिक, फरार हत्यारोपी अमरजीत सिंह के आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने का पता चला है। उसके खिलाफ बिलासपुर थाने में टाडा अधिनियम के तहत केस दर्ज है। यह केस वर्ष 1991 में दर्ज हुआ है।

बता दें कि 90 के दशक के पंजाब में आतंकवादी गतिविधि बढ़ने के बाद तराई में भी कुछ आतंकवादी सक्रिय हो गए थे। उस समय ऊधमसिंह नगर जिले के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी बम धमाकों, अपहरण, हत्याएं की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, चूंकि अमरजीत पर दर्ज टाडा का केस करीब 33 साल पुराना है जिस कारण पुलिस को इसके बारे में सटीक जानकारी अभी तक नहीं मिली है। ऊधमसिंह नगर पुलिस यूपी पुलिस से टाडा के इस केस से संबंधित जानकारी जुटा रही है।

… तो जेल से हुआ था संपर्क

बाबा तरसेम सिंह की हत्या के षड्यंत्र रचने के मामले में गिरफ्तार शाहजहांपुर निवासी दिलबाग सिंह पहले से ही अमरजीत सिंह और सर्बजीत सिंह को जानता था। सूत्रों के मुताबिक, तीनों की मुलाकात जेल में हुई थी जहां उनके बीच पहचान हुई। इसी जान-पहचान के बाद कुछ लोगों के इशारे पर शार्प शूटर सर्बजीत सिंह और अमरजीत को 10 लाख रुपये देकर हत्या को अंजाम देने के लिए हायर किया गया था।

बाबा तरसेम हत्याकांड के मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। दोनों की तलाश में पुलिस की सात टीमों ने पश्चिमी यूपी और पंजाब में डेरा डाल रखा है। हालांकि एक हत्यारोपी के नेपाल तो दूसरे के बांग्लादेश भागने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या व षड्यंत्र में पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने षड्यंत्र रचने के मामले में चार लोगों को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया था, लेकिन मुख्य हत्यारोपी तरनतारन पंजाब निवासी सर्बजीत सिंह और बिलासपुर निवासी अमरजीत सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

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