रिश्वतखोरी में मंडी समिति के प्रभारी सचिव रंगेहाथ गिरफ्तार, 250 की फीस के बदले मांगे थे 1.20 लाख रुपये

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काशीपुर। फल-सब्जी मंडी समिति में दुकानों के लाइसेंस रिन्यूअल के नाम पर मोटी रकम वसूलने के आरोप में मंडी समिति के प्रभारी सचिव पूरन सिंह सैनी को विजिलेंस टीम ने मंगलवार को 1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई के बाद मंडी परिसर में अफरा-तफरी मच गई। जानकारी के अनुसार, लाइसेंस रिन्यूअल की वास्तविक फीस मात्र 250 रुपये है, लेकिन सचिव ने दो दुकानदारों से 60-60 हजार रुपये की मांग की थी।

शिकायत के बाद शुरू हुआ जाल, विजिलेंस ने किया ट्रैप

ग्राम सरवरखेड़ा निवासी शफायत चौधरी और शकील चौधरी की मंडी में पिछले एक दशक से दुकानें हैं। दोनों ने लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, जिसके एवज में प्रभारी सचिव ने प्रत्येक से 60 हजार रुपये की मांग की। बात नहीं बनने पर दोनों ने विजिलेंस हेल्पलाइन 1064 पर शिकायत कर दी। शिकायत पर अमल करते हुए विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाया और मंगलवार शाम मंडी समिति कार्यालय में छापा मारकर सचिव को रंगेहाथ पकड़ लिया।

पूछताछ जारी, मंडी परिसर में भारी हड़कंप

जैसे ही सचिव की गिरफ्तारी की सूचना फैली, मंडी समिति परिसर में हड़कंप मच गया। व्यापारी, आढ़ती और कर्मचारी बड़ी संख्या में परिसर के बाहर एकत्र हो गए। पुलिस ने परिसर में किसी को भी प्रवेश नहीं करने दिया। विजिलेंस टीम देर रात तक पूछताछ में जुटी रही और मामले से जुड़ी कई जानकारियां एकत्र कीं। खबर लिखे जाने तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया था।

रिटायरमेंट से पहले ही फंस गए जाल में

सूत्रों के अनुसार, पूरन सिंह सैनी की सेवानिवृत्ति में महज 7-8 महीने का समय बचा था। दो महीने पहले ही उन्हें प्रभारी सचिव का पदभार मिला था। इससे पहले वह करीब 15-20 वर्षों तक मंडी समिति में अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत रहे। व्यापारियों का कहना है कि वह अपने पहले कार्यकाल में भी रिश्वत के लिए कुख्यात रहे हैं।

पुराना ट्रैक रिकॉर्ड भी संदेह के घेरे में

शफायत और शकील चौधरी ने बताया कि सैनी पहले भी बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं करते थे। उस समय भी कई व्यापारियों ने उनके खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जब मामला विजिलेंस के पास पहुंचा तो सच उजागर हो गया।

तय फीस 250, लेकिन वसूली हजारों में

व्यापारियों के अनुसार, मंडी समिति में दुकानों के लाइसेंस नवीनीकरण की सरकारी फीस महज 250 रुपये है। इसके बावजूद प्रभारी सचिव और उनसे जुड़े लोग फल मंडी में 60 हजार और अनाज मंडी में 30 से 35 हजार रुपये तक रिश्वत वसूलते हैं। यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा था।

> विजिलेंस की चेतावनी:

आम लोगों और व्यापारियों से अपील की गई है कि रिश्वत की मांग होने पर चुप न रहें, तुरंत 1064 पर शिकायत करें। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई तभी संभव है जब लोग आगे आकर आवाज उठाएं।

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