छात्रवृत्ति कोष को मंजूरी, बंगाली भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्देश

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रुद्रपुर। विधायक शिव अरोरा ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में जानकारी दी कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बंगाली समाज की दो प्रमुख मांगों को स्वीकृति दी है।

 

विधायक अरोरा ने बताया कि देहरादून में मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात के दौरान उन्होंने बंगाली समाज की शिक्षा से जुड़ी समस्याएं और भाषा संरक्षण का मुद्दा उठाया था। इसके तहत मुख्यमंत्री ने हरिचाँद गुरुचाँद स्मृति छात्रवृत्ति कोष की स्थापना को मंजूरी दे दी है। यह छात्रवृत्ति उन मेधावी छात्रों को दी जाएगी जो आर्थिक तंगी के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।

 

छात्रवृत्ति कोष के संचालन हेतु एक कमेटी गठित होगी, जिसमें जिलाधिकारी अध्यक्ष होंगे, सीडीओ, कोषाधिकारी और बंगाली समाज से तीन प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे।

 

विधायक अरोरा ने कहा कि यह कदम लंबे समय से लंबित मांग की पूर्ति है, जिससे समाज के बच्चों के सपनों को उड़ान मिलेगी।

 

इसके अलावा उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री को सौंपे गए दूसरे पत्र में बंगाली भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल करने का अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री ने इस पर भी सकारात्मक रुख दिखाते हुए सचिव विद्यालयी शिक्षा को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इसके तहत बंगाली बाहुल्य क्षेत्रों में प्राथमिक से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक बंगाली भाषा की पढ़ाई और शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित की जाएगी।

 

विधायक अरोरा ने कहा कि बंगाली भाषा विलुप्ति की ओर बढ़ रही है, ऐसे में यह कदम भाषा और संस्कृति संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

 

उन्होंने बंगाली समाज के निवास प्रमाणपत्रों से “पूर्वी पाकिस्तान” शब्द हटाने, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस में सम्मान देने और जिला स्तर पर बंग भवन की स्वीकृति जैसे निर्णयों के लिए भी मुख्यमंत्री का आभार जताया।

 

इस अवसर पर पूर्व मंडी चेयरमैन के.के. दास, बंगाली सभा अध्यक्ष राजकुमार साह, बलाई विश्वास, तरुण दत्ता, मानवेन्द्र राय, शिव कुमार राय, गोविन्द राय, शंकर विश्वास, गजेंद्र प्रजापति, मयंक कक्कड़ समेत कई लोग मौजूद रहे।

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