उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में सैनिक कल्याण को मिलेगी प्राथमिकता, ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक और विश्रामगृह बनेंगे

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कारगिल विजय दिवस पर उत्तराखंड ने शहीदों को किया याद, वीरांगनाओं को किया सम्मानित

देशभर में 26वां कारगिल विजय दिवस पूरे सम्मान और गर्व के साथ मनाया गया। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर आयोजित मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी और उनकी वीरांगनाओं को सम्मानित किया। कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी और कारगिल युद्ध में शामिल रहे पूर्व सैनिकों ने भी भाग लिया।

527 शहीदों को याद कर झुके सिर, उत्तराखंड के 75 जवानों ने दी थी शहादत

साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध में देश के 527 सैनिक शहीद हुए थे और 1363 घायल हुए थे। इनमें उत्तराखंड के 75 वीर जवान शामिल थे, जिनमें अकेले देहरादून से 25, टिहरी से 12, पौड़ी से 13 और अन्य जनपदों से भी शहादतें हुई थीं। शहीदों को 2 महावीर चक्र, 9 वीर चक्र, 15 सेना मेडल और 11 मेंशन इन डिस्पैच से सम्मानित किया गया।

सीएम धामी ने कहा – “शहीदों के सपनों को पूरा करना ही सच्ची श्रद्धांजलि”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “जिन उद्देश्यों के लिए हमारे वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी, उन्हें पूरा करना हमारा दायित्व है।” उन्होंने कहा कि सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

चमोली के कालेश्वर में ECHS पॉलीक्लिनिक और सैनिक विश्राम गृह बनाया जाएगा, नैनीताल में सैनिक विश्राम गृह की घोषणा की गई है।

उपनल के माध्यम से पूर्व सैनिकों को विदेशों में रोजगार दिया जाएगा, जिसमें 50% सिविलियन भी होंगे, उपनल के माध्यम से 22 हजार लोगों को रोजगार मिल चुका है, उनके विनियमितीकरण की प्रक्रिया तेज की गई है।

चमोली में श्रद्धांजलि और सम्मान समारोह

चमोली जिले के गोपेश्वर में जिला प्रशासन और सैनिक कल्याण विभाग की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और वीर नारियों और शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। जिले के विभिन्न विकासखंडों में भी शहीदों की स्मृति में पौधरोपण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

मसूरी में देशभक्ति की गूंज, मोमबत्तियों से दी गई श्रद्धांजलि

मसूरी में भी भाजपा मंडल मसूरी द्वारा शहीद स्थल पर एक भावुक और प्रेरणास्पद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने शहीदों को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी और देशभक्ति के गीतों से माहौल को गर्व से भर दिया।

कारगिल विजय दिवस सिर्फ एक युद्ध की जीत नहीं, बल्कि भारतीय सेना की बहादुरी, बलिदान और देश के प्रति अटूट समर्पण की याद है। उत्तराखंड ने अपने शहीद सपूतों को श्रद्धांजलि देकर यह दिखा दिया कि वीरों का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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