रुद्रपुर। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले विभिन्न किसान संगठनों ने मांगों को लेकर धरना दिया। इस दाैरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, संपूर्ण कर्जा मुक्ति के लिए कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर तराई के किसान गरजे। उन्होंने एसडीएम मनीष बिष्ट के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भी भेजा। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने मंडी पहुंचकर किसानों के धरना प्रदर्शन का जायजा लिया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल भी तैनात किया गया था।
शुक्रवार को बागवाड़ा मंडी परिसर में किसानों ने मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। भाकियू टिकैत के उत्तराखंड व यूपी (तराई क्षेत्र) अध्यक्ष बलजिंदर सिंह मान ने कहा कि हरियाणा और एमपी सरकार की ओर से किसान व कृषक नेताओं पर दमनात्मक कार्यवाही की गई। उन्होंने दमन में शामिल प्रशासनिक अधिकारियों के तत्काल निलंबन की मांग भी की। तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तजेंद्र सिंह विर्क ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को धोखा दे रही है। किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है तो उन पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं लेकिन अपना हक लेकर रहेंगे। वहां किसान विक्रमजीत सिंह, गुरवीर सिंह विर्क, हरजीत सिंह, हरपाल सिंह चीमा, गगनदीप प्रधान जसपुर, हरविंदर सिंह विर्क, दलेर सिंह आदि थे।
किसानों की प्रमुख मांगे
- फसलों की एमएसपी (सी 2-50) खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए।
- किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ किया जाए।
- श्रमिकों को 26 हजार रुपये प्रति माह न्यूनतम वेतन मिले।
- चार श्रम संहिताओं को निरस्त किया जाए।
- रोजगार की गारंटी का मौलिक अधिकार मिले।
- पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।
- रेलवे, रक्षा, बिजली आदि सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण बंद हो।
- नौकरियों का संविदाकरण बंद किया जाए।
- मनरेगा में हर साल 200 दिन काम और 600 रुपये की मजदूरी हो।
- किसान परिवार को दस हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाए।
- भारतीय न्याय संहिता की धारा 104 खत्म हो।
- एलएआरआर अधिनियम 2013 लागू की जाए।
- बिजली संशोधन विधेयक 2022 वापस लिया जाए।
- केरल की तरह 13 सब्जियों की एमएसपी पर खरीद का कानून बने।
- गृह ऋण देने, कृषि यंत्रों से जीएसटी खत्म किया जाए।