
पूर्व विधायक नारायण पाल ने कहा कि अलका बैरागी की मौत में न्यायालय से आरोपी को सजा मिलना न्याय की जीत है। उन्होंने कहा कि अलका बैरागी आत्महत्या प्रकरण में पति को दोषी मानते हुए न्यायालय ने सात वर्ष का कठोर कारावास एवं 50 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है।





14 फरवरी 2021 को भूड़िया कॉलोनी निवासी प्रशांत मंडल ने मुकदमा दर्ज कराकर कहा था कि वर्ष 2010 में उसकी बहन अलका बैरागी की शादी गोविंदनगर पड़ागांव निवासी अरुण बैरागी के साथ हुई थी। शादी के बाद जानकारी हुई कि अरुण नशे का आदी है और वह पत्नी पर गलत कार्य करने का दबाव बनाता है।
इससे तंग आकर 14 फरवरी 2021 को उसकी बहन अलका बैरागी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अरुण बैरागी को दोषी करार देते हुए सात साल का कठोर कारावास एवं 50 हजार अर्थदंड देने की सजा सुनाई गई। मामले में बुधवार को पूर्व विधायक नारायण पाल ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि इस लंबी लड़ाई में पीड़ित परिवार के साथ वह हमेशा से खड़े रहे। आखिर न्यायालय से पीड़ित परिवार को न्याय मिला। पूर्व विधायक नारायण पाल ने कैबिनेट मंत्री और सरकार से पीड़ित परिवार को शासन स्तर से आवश्यक मदद मुहैया कराने का अनुरोध किया है।