उत्तराखंड में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव गुरुवार को हिंसा और हंगामे की भेंट चढ़ गया। नैनीताल जिला पंचायत मुख्यालय के बाहर कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच जमकर धक्का-मुक्की और मारपीट हुई। कांग्रेस का आरोप है कि उनके छह जिला पंचायत सदस्यों को पुलिस की मौजूदगी में जबरन उठा लिया गया और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व विधायक संजीव आर्य व विधायक सुमित हृदयेश के साथ हाथापाई की गई।
सुबह 10 बजे मतदान शुरू होने से पहले ही कार्यालय के गेट पर दोनों दलों के समर्थक आमने-सामने आ गए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने बीच-बचाव कर स्थिति संभाली, लेकिन नाराज कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता माल रोड पर प्रदर्शन करते हुए सीधे नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए डीएम और एसएसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का आदेश दिया और सभी गायब सदस्यों को तत्काल खोजकर मतदान केंद्र लाने के निर्देश दिए।
उधर, गरमपानी के बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान गोलीबारी से हड़कंप मच गया। मतदान के लिए जा रहे बीडीसी सदस्यों के बीच एक युवक ने पांच राउंड फायरिंग कर दी, जिससे अफरातफरी मच गई और एक व्यक्ति के पैर में गोली लग गई। गुस्साए समर्थकों ने पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए धरना शुरू कर दिया।
घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसे नैनीताल के इतिहास पर धब्बा बताते हुए गुंडागर्दी का खुला प्रदर्शन करार दिया और उच्चस्तरीय जांच की मांग की।