हरसान में मतदान केंद्र पर हंगामा, पीठासीन अधिकारी से मारपीट; जिला पंचायत प्रत्याशी उमा जोशी समेत 5 पर केस दर्ज

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान ग्राम हरसान स्थित मतदान केंद्र में शुक्रवार को जमकर हंगामा और मारपीट हुई। जिला पंचायत सदस्य पद की प्रत्याशी उमा जोशी पर अपने समर्थकों के साथ मतदान कक्ष में घुसकर पीठासीन अधिकारी से मारपीट करने का आरोप लगा है। पीड़ित पीठासीन अधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने उमा जोशी समेत पांच लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।

 

घटना ग्राम हरसान के राजकीय इंटर कॉलेज में मतदान कक्ष संख्या-एक की है, जहां मतदान अधिकारी डॉ. पंकज कुमार सिंह, पुस्तकालयाध्यक्ष, गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर तैनात थे। उन्होंने बताया कि दोपहर करीब 2:50 बजे जिला पंचायत प्रत्याशी उमा जोशी अपने समर्थकों खेम सिंह दानू, दारा दिलेर रंधावा, संजय जेठा और विमला देवी के साथ अंदर घुसीं और हंगामा करने लगीं।

 

जब उन्हें रोकने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कथित तौर पर गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी। पीठासीन अधिकारी ने आरोप लगाया कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई और सरकारी कार्य में बाधा डाली गई। इस वजह से मतदान करीब 30 मिनट तक रुका रहा।

 

प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा, दोबारा शुरू हुआ मतदान

सूचना मिलते ही मौके पर एसडीएम डॉ. अमृता शर्मा, तहसीलदार अक्षय कुमार भट्ट, कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी, जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित कर दोबारा मतदान शुरू करवाया।

पुलिस ने उमा जोशी व चार अन्य के खिलाफ धारा 115(2), 132, 221, 223(बी), 351(2), 352 बीएनएस और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 131 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है। घायल पीठासीन अधिकारी का सरकारी अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया है।

 

 

 

उमा जोशी का पलटवार: कहा- झूठे मुकदमे में फंसाया गया

इस बीच जिला पंचायत प्रत्याशी उमा जोशी ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर पुलिस और प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें सुबह से ही फर्जी मतदान की शिकायतें मिल रही थीं। जब दोपहर बाद उनके परिजन का वोट किसी और द्वारा डाले जाने की बात सामने आई, तो उन्होंने इसकी शिकायत की।

 

उनका आरोप है कि शिकायत करने पर पीठासीन अधिकारी ने उन्हें उल्टा एक और फर्जी वोट डलवाने की सलाह दी, और विरोध करने पर उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। उन्होंने कहा कि उनके भाई को भी घायल कर दिया गया और अब उन्हें राजनीतिक रूप से निशाना बनाते हुए झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है।

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