*साइबर ठगों के लपेटे में आए रिटायर्ड एसीपी, डिश ठीक कराने के लिए इंटरनेट से नंबर सर्च कर किया था कॉल; अकाउंट हो गया खाली…*

Share the news

जागरूकता अभियान के बावजूद साइबर ठग अपने मंसूबे में कामयाब हो जा रहे हैं। इस बार दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड एसीपी ही साइबर ठगों के लपेटे में आ गए। साइबर ठग ने रिटायर्ड एसीपी से 49 हजार रुपये की ठगी को अंजाम दे दिया। एसीपी ने इंटरनेट से नंबर सर्च कर डिश ठीक कराने के लिए कॉल किया था।

दिल्ली पुलिस की तरफ से जागरूकता के कई अभियान चलाने के बावजूद लोग साइबर ठगों के जाल में फंस ही जाते हैं। अबकी बार दिल्ली पुलिस के एक रिटायर्ड सहायक आयुक्त (ACP) इंटरनेट से नंबर लेकर कॉल कर ठगी के शिकार हो गए। गनीमत रही कि क्रेडिट कार्ड की लिमिट तय थी, इसलिए वो बड़े नुकसान से बच गए। ईस्ट जिला साइबर थाना पुलिस ने रिटायर्ड एसीपी की शिकायत पर चार महीने बाद सोमवार को ठगी की धाराओं में केस दर्ज किया है।

डिश टीवी के सिग्नल की थी समस्या

पुलिस अफसरों के मुताबिक, दयानंद कौशिक (75) परिवार के साथ वसुंधरा एनक्लेव में रहते हैं। वो दिल्ली पुलिस से एसीपी पद से रिटायर हुए हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि 6 दिसंबर 2023 को डिश टीवी के सिग्नल ठीक नहीं आ रहे थे। कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर इंटरनेट से लिया और कॉल कर दिया, लेकिन जवाब नहीं आया। दूसरी बार कॉल किया तो अविनाश नाम बताने वाले ने पूछा कि क्या आप टीवी के सामने बैठे हैं। उन्होंने नोएडा में होने और घर लौटने पर कॉल करने की बात कही। बुजुर्ग ने 11 दिसंबर 2023 को उसी नंबर पर कॉल किया और समस्या ठीक नहीं होने की वजह पूछी।

अविनाश के पूछने पर बताया कि डिश कंपनी का ऐप उनके फोन पर नहीं है। इस पर एक ऐप डाउनलोड करवाया। सिग्नल करेक्शन चार्ज के तौर पर दस रुपये पेमंट करने को कहा गया। उन्होंने एचडीएफसी क्रेडिट कार्ड के जरिए किया। सर्वर की समस्या बताते हुए दूसरे कार्ड से करने को कहने लगा। लिहाजा उन्होंने बैंक ऑफ इंडिया के डेबिट कार्ड से किया। फिर ट्रांजैक्शन के एसएमएस आने लगे।

उन्होंने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम और साइबर क्राइम के नंबर कॉल किए। दोनों कार्ड को ब्लॉक करने का प्रोसेस शुरू किया। इस दौरान अलग-अलग नंबरों से कॉल आते रहे, ताकि वो उनसे बातों में उलझे रहें और ठग पैसा खातों से निकालते रहे। लेकिन उन्होंने कोई कॉल पिक नहीं किया। अगले दिन फिर कॉल आया, जिसे पिक किया तो कॉलर पूछने लगा, ‘पैसे निकल गए।’ डेबिट कार्ड की लिमिट 50 हजार फिक्स थी। लिहाजा तीन बार में 49,509 रुपये तो क्रेडिट कार्ड से दो बार में 4,025 रुपये निकले थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *