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पिथौरागढ़ में निकाय चुनाव के बीच कांग्रेस को उस समय बड़ा झटका लगा, जब पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस में 45 वर्षों तक सेवा देने वाले जोशी ने अपनी पत्नी को पिथौरागढ़ नगर निगम के मेयर पद का टिकट न मिलने पर पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए थे।

जोशी की नाराजगी और आरोप

मथुरादत्त जोशी ने पार्टी पर खनन और शराब माफिया को संरक्षण देने जैसे गंभीर आरोप लगाए, जिससे कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता असहज हो गए। जोशी का कहना था कि पार्टी ने उनके वर्षों की सेवा को नजरअंदाज करते हुए उनकी पत्नी को टिकट देने से इनकार किया।

पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई

जोशी के इस्तीफे के कुछ देर बाद ही प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के सदस्य सचिव धनीलाल शाह ने बताया कि पार्टी की नीतियों के खिलाफ दुष्प्रचार और नेतृत्व पर आरोप लगाने के कारण यह कार्रवाई की गई है।

निकाय चुनाव में विद्रोह पर कार्रवाई

पार्टी सूत्रों का कहना है कि निकाय चुनाव के दौरान कांग्रेस से बगावत करने वाले अन्य नेताओं पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम पार्टी में अनुशासन और संगठनात्मक एकता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

मथुरादत्त जोशी जैसे वरिष्ठ नेता का जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। यह मामला पार्टी में टिकट बंटवारे की पारदर्शिता और संगठनात्मक एकता पर सवाल खड़े करता है। निकाय चुनाव के इस विवाद ने कांग्रेस की रणनीति और नेतृत्व पर गंभीर असर डाला है।

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