नैनीताल के रामगर शहर के नंदा लाइन निवासी रिटायर्ड टीचर संतोष मेहरोत्रा के साथ डिजिटल ठगी करने के प्रयास का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. वीडियो कॉल के जरिए ठगों ने पुलिस अधिकारी बन संतोष मेहरोत्रा को गिरफ्तारी का डर दिखाकर बड़ी ठगी की कोशिश की. हालांकि, ऐन वक्त पर संतोष मेहरोत्रा को भनक लग गई और बड़ी घटना होने से बच गई. इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
पीड़ित रिटायर्ड शिक्षक संतोष मेहरोत्रा ने बताया कि बीते रोज उनके पास एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया. जिसने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति ने उनकी बात करवाई, जो पुलिस की वर्दी में बैठा था. इन लोगों ने संतोष मेहरोत्रा से कहा कि उन्होंने फर्जी तरीके से लोगों को विदेश भेजने के साथ ही 34 करोड़ रुपए की ठगी की है और इसलिए उनके सभी बैंक खाते सील कर दिए गए हैं. संतोष मेहरोत्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ ही गिरफ्तारी वारंटी जारी किए जाने की बात भी कही गई।
शिक्षक ने बताया कि ठगों ने उनसे कहा कि वो अपने कमरे का दरवाजा बंद कर दें और कमरे के अंदर किसी को भी ना आने दें. घबराए हुए संतोष मेहरोत्रा बात मानते हुए करीब आधे घंटे तक कमरे में ही कैद रहे. अपनी बात पुख्ता करने के लिए ठगों ने संतोष मेहरोत्रा के फोन पर फर्जी वारंट भी भेज दिए. हालांकि, इसी दौरान संतोष मेहरोत्रा को एहसास हुआ कि ये लोग ठग हैं. ऐसे में उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए ठगों की डिमांड से पहले ही फोन काट दिया और तुरंत घटना की जानकारी परिजनों और पुलिस को दी. संतोष मेहरोत्रा ने बताया कि उन्होंने साइबर सेल के फोन नंबर पर भी कॉल किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ. फिर सीधे पुलिस से संपर्क किया गया।
मामले को लेकर रामनगर कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने बताया कि शिक्षक ठगी का शिकार होने से बच गए, लेकिन फिर भी मामले की जांच की जा रही है और इस मामले में वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. कोतवाल ने सभी लोगों से इस प्रकार के ठगों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि यदि इस प्रकार का कोई फोन आए तो संबंधित थाने और साइबर सेल को इसकी तुरंत जानकारी दें।