
संयुक्त किसान मोर्चा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष का एलान कर दिया है। यह फैसला जालंधर में सर्वसम्मति से राष्ट्रीय कन्वेंशन के दौरान लिया गया। इस दौरान यह भी तय किया गया कि 16 फरवरी को सीटीयू के साथ मिलकर देशभर में बंद व आंदोलन किया जाएगा।





सम्मेलन के प्राथमिक एजेंडे में न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए संघर्ष के अगले कदम की योजना बनाना, सभी बैंकिंग संस्थानों से एकमुश्त ऋण माफी करवाना शामिल है। सम्मेलन में एक राय बनाई गई कि एमएसपी को लेकर संघर्ष शुरू किया जाए। इसकी शुरुआत 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च से की जाएगी। पंजाब समेत अन्य राज्यों से आए करीब 300 से ज्यादा किसान संगठनों ने इस कन्वेंशन में हिस्सा लिया।
किसान नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा दिए गए लिखित आश्वासन के संदर्भ में किसानों ने 26 नवंबर 2021 को दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने लंबे ऐतिहासिक किसान संघर्ष को निलंबित कर दिया था। इसे दो साल बीत गए लेकिन सरकार द्वारा कोई हल नहीं निकाला गया है।
इस कन्वेंशन में बलवीर सिंह राजेवाल, बलविंदर सिंह मल्ली, बलदेव सिंह, किशना प्रसाद केरल से, रमिंदर सिंह पटियाला, अमित शाह बंगाल से, सुखदेव सिंह कोकरीकलां, डॉ. सलीमन मध्य प्रदेश से शामिल हुए। इस कन्वेंशन में 35 नेताओं ने संबोधित किया।