भारत से अपने वतन लौट रही पाकिस्तानी महिला ने गुरुवार को लुधियाना के सिविल अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया। वह बच्चे की नागरिकता बदलने के डर से समय रहते पाकिस्तान पहुंचना चाहती थी। उधर, महिला का पति सीमा पार इंतजार करता रह गया। महिला को ट्रेन में ही प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद उसे लुधियाना स्टेशन पर उतारकर सिविल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उसकी सुरक्षित डिलीवरी करवाई। उसने एक बच्ची को जन्म दिया। मां ने उसका नाम ‘सरहद’ रखा है।
पाकिस्तान की 33 वर्षीय मुहैवश अपनी दो बेटियों के साथ करीब दो महीने पहले अपने मायके आगरा आई थी। उसे वीजा में किसी रुकावट की वजह से भारत में ही रुकना पड़ गया। गर्भवती होने के कारण उसकी डिलीवरी की तारीख भी नजदीक आ चुकी थी। मुहैवश का भाई जिबरान खान किसी तरह से वीजा की औपचारिकता पूरी करवाने के बाद उसे छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से अटारी सीमा छोड़ने जा रहा था। लुधियाना से पहले मुहैवश को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। भाई ने मुहैवश की हालत बिगड़ने पर 139 नंबर पर संपर्क किया।
सूचना मिलते ही जीआरपी व्यवस्था में जुट गई। लुधियाना में मुहैवश को ट्रेन से उताकर एंबुलेंस की मदद से सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। दो बेटियों की मां मुहैवश ने लुधियाना के सिविल अस्पताल में तीसरी बेटी को जन्म दिया जबकि सीमा पार उसका पति शोएब राइन उसका इंतजार कर रहा था। अब परिवारिक सदस्य मुहैवश को अस्पताल से छुट्टी मिलने के इंतजार में हैं, ताकि उसे अटारी सीमा के रास्ते घर वापस भेजा जा सके। हालांकि, परिवार चाहता था कि डिलीवरी होने से पहले वह अटारी सीमा पार कर ले ताकि जन्म लेने वाले मासूम को पाकिस्तान की नागरिकता मिल सके।
मुहैवश का परिवार चाहता था कि उसकी डिलीवरी को दवा या इंजेक्शन के जरिये कुछ घंटे के लिए टाल दिया जाए और वह अटारी सीमा पार कर जाए लेकिन डॉक्टरों ने इसकी इजाजत नहीं दी। मुहैवश ने लुधियाना में ही बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद सीमा पार इंतजार कर रहे मुहैवश के पति शोएब राइन को बच्ची पैदा होने की जानकारी दी गई। अब परिवार चितिंत है कि बच्ची को पाकिस्तान की नागरिकता मिलने में किसी तरह की दिक्कत न आ जाए।