एक कारोबारी को फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर कारोबारी से लाखों की ठगी कर ली गई. साइबर ठगों ने कारोबारी के बेटे को जेल में डालने की धमकी दी और बेटे के बचाने के एवज में रकम की डिमांड कर डाली, वहीं इस मामले में पीड़ित ने पुलिस को तहरीर देकर मदद की गुहार लगाई है. पुलिस तहरीर के आधार पर मामले की छानबीन में जुट गई है।
रुड़की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के कमेलपुर गांव निवासी गुलबहार एक कारोबारी हैं, उन्होंने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि उनका बेटा राजस्थान के काेटा में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है. गुलबहार ने पुलिस को बताया कि उनके मोबाइल पर एक फोन आया था और फोन करने वाले ने खुद को राजस्थान के कोटा स्थित एक थाने का पुलिस अधिकारी बताया. फोन पर बातचीत के दौरान उसने बताया कि कोटा में कोचिंग करने वाले उनके बेटे को एक मामले में गिरफ्तार किया गया है और उनके बेटे को जेल भेजने की तैयारी है. जिसके बाद उसने फोन काट दिया. वहीं कारोबारी इतना सुनते ही सन्न रह गया।
वहीं कुछ देर बाद कारोबारी के पास एक वीडियो कॉल आया, वीडियो कॉल करने पर एक पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी पहने व्यक्ति ने उन्हें कहा कि वह अपने बेटे को बचाना चाहते हैं तो तुरंत एक लाख रुपये की रकम खाते में डाल दें. वहीं फर्जी इंस्पेक्टर ने कारोबारी को इस कदर डरा दिया कि वह अपने बेटे को फोन करना ही भूल गए. इसके बाद कारोबारी के व्हाट्सएप पर फर्जी इंस्पेक्टर ने दो बैंक खाता नंबर भेजे और इन दोनों खातों में एक लाख रुपये जमा कराने को कहा गया. इसके बाद डरे सहमे कारोबारी ने बिना देर किए ही दोनों खातों में 50-50 हजार रुपये डाल दिए।
जिसके बाद अपने भाई अखलाक को कारोबारी ने मामले की जानकारी दी. अखलाक ने अपने भतीजे को फोन किया, भतीजे ने बताया कि वह अपने कमरे में बैठा हुआ है. उसने पुलिस की गिरफ्त में होने या जेल जाने की बात से इनकार किया. वहीं इसके बाद कारोबारी को अपने साथ ठगी होने का अहसास हुआ. इसके बाद पीड़ित ने गंगनहर कोतवाली पहुंच कर मामले में तहरीर दी है. पुलिस तहरीर के आधार पर मामले की छानबीन में जुट गई है.गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक गोविंद कुमार ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर मामले की जांच पड़ताल की जा रही है, उन्होंने कहा कि लोगों को इस तरह की कॉल से बचने की जरूरत है।