
रामपुर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में दो हफ्ते पहले नर्स राबिया खातून द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया है कि राबिया ने अपने रिश्तेदार हारुन की लगातार प्रताड़ना से परेशान होकर जान दे दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।





26 वर्षीय राबिया खातून मूल रूप से मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा क्षेत्र के ग्राम पीपली अहीर की रहने वाली थीं। वह रामपुर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में काम करती थीं और वहीं परिसर में बने आवास में अपनी ननद नाजिया के साथ रहती थीं। 27 अप्रैल की रात राबिया का शव कमरे में फंदे से लटका हुआ पाया गया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण फांसी लगाना पाया गया, लेकिन आत्महत्या के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं थी। इसके बाद पुलिस ने फोरेंसिक टीम के साथ जांच शुरू की। कॉल डिटेल खंगालने पर पता चला कि राबिया की बातचीत लगातार ठाकुरद्वारा के ग्राम मुनीमपुर निवासी मोहम्मद हारुन से होती थी, जो उसका दूर का रिश्तेदार है।
सीओ नितिन लोहनी:
“हारुन न सिर्फ राबिया से निकाह करना चाहता था, बल्कि उसकी सैलरी भी अपने खाते में ट्रांसफर कराता था। आए दिन धमकियां देना और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना आम बात बन चुकी थी।”
बताया गया कि राबिया की शादी तीन साल पहले जियाउल मुस्तफा से हुई थी, जो गांव में ही रहता है। वहीं राबिया अपनी ननद नाजिया के साथ अस्पताल परिसर में रह रही थी। दंपती की दो साल की एक बेटी भी है।
कोतवाल राजेश यादव के मुताबिक, कॉल डिटेल और अन्य साक्ष्यों के आधार पर हारुन को पूछताछ के लिए हल्द्वानी बुलाया गया। पहले तो वह गुमराह करता रहा, लेकिन जब सबूत सामने रखे गए तो उसने प्रताड़ना की बात कबूल कर ली। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर हवालात में बंद किया गया और कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।
राबिया की आत्महत्या ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि मानसिक और आर्थिक शोषण से जूझ रही महिलाएं किस हद तक असहाय महसूस कर सकती हैं। अब जबकि आरोपी सलाखों के पीछे है, उम्मीद है कि राबिया को न्याय जरूर मिलेगा।