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देहरादून: उत्तराखंड के सभी न्यायालय परिसरों में स्थित अधिवक्ताओं के चैंबर में अब घरेलू दरों (आरटीएस-1) पर बिजली मिलेगी। हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के एमडी अनिल कुमार ने सभी वितरण खंडों को तत्काल प्रभाव से अघरेलू दरों (आरटीएस-2) से घरेलू दरों (आरटीएस-1) में परिवर्तन करने के निर्देश जारी किए हैं।

अधिवक्ताओं को होगा दो रुपये प्रति यूनिट तक का लाभ

इस बदलाव से अधिवक्ताओं को बिजली दरों में करीब दो रुपये प्रति यूनिट तक की राहत मिलेगी। अभी तक अधिवक्ता चैंबरों में अघरेलू दरों (आरटीएस-2) पर बिजली दी जा रही थी, जिसमें 4 किलोवाट तक के कनेक्शन पर 90 से 110 रुपये फिक्स चार्ज और 5.40 से 7.35 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल लिया जाता था।

अब हाईकोर्ट के आदेश के तहत, नए टैरिफ के अनुसार—

  • 100 यूनिट तक – ₹3.40 प्रति यूनिट
  • 101-200 यूनिट तक – ₹4.90 प्रति यूनिट
  • 201-400 यूनिट तक – ₹6.70 प्रति यूनिट

हाईकोर्ट ने 25 फरवरी को दिया था आदेश

यह आदेश हाईकोर्ट द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद 25 फरवरी को दिया गया था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि न्यायालय परिसरों में स्थित अधिवक्ताओं के चैंबरों को घरेलू श्रेणी (आरटीएस-1) में शामिल किया जाए। हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने के बाद यूपीसीएल ने इसे लागू कर दिया है।

यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने आदेश जारी करते हुए कहा कि—

“हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए, सभी वितरण खंडों को अधिवक्ता चैंबरों के बिजली कनेक्शन को तत्काल आरटीएस-2 से आरटीएस-1 में बदलने के निर्देश दे दिए गए हैं।”

अंतरिम आदेश से तत्काल लागू होगा बदलाव

हाईकोर्ट का यह आदेश अंतरिम है, जिसका मतलब है कि तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। इससे अधिवक्ताओं को अब कम दरों पर बिजली का लाभ मिलेगा।

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