
रफी खान /काशीपुर





कहने को तो ये एक मुहावरा मात्र है ‘हम तुझसे पतला नहीं मूतते हैं?’ जिसका सीधा सीधा मतलब यह होता है कि हम तुझसे कमतर नहीं लेकिन आज हमारी खबर का सार यह नहीं बल्कि हम तो बस इतना कहना चाह रहें हैं कि बस मूतो, चाहे पतला मूतो या गाढ़ा।
क्योंकि यह हम नहीं कह रहे चिकित्सकों का कहना है इंसान को एक दिन में कम से कम 1 से 2 लीटर पेशाब यानी मूत्र निष्काषित करना चाहिए। मोटा-मोटा हिसाब लगाएं तो जागते समय हर दो से ढाई घंटे में 100 से 120 मिली पेशाब आना चाहिए।
काशीपुर स्थित अनमोल अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर अजय कुमार ने खबर पड़ताल से बात करते हुए बताया कि अच्छे स्वास्थ के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीना और एक से दो लीटर पानी पेशाब की शक्ल में बाहर निकालना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि अगर किसी के शरीर का मूत्र उत्पादन ढाई लीटर से ज्यादा है तो इसका सीधा सा अर्थ है कि वह पॉलीयूरिया से ग्रस्त हो गया है जिसके लिए जिम्मेदार है मधुमेह का रोग। और यदि इसके उलट मूत्र का उत्पादन 300 से 500 मिली. ही है तो वह ओलिगयूरिया से ग्रस्त माना जाता है जो कि डिहाइड्रेशन के कारण या फिर डायरिया के कारण या फिर प्रोस्टेट एनलार्जमेंट के कारण पनप सकता है लिहाजा हर स्वस्थ इंसान को पीने के पानी का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए जिससे वह स्वस्थ रहे।
खबर पड़ताल की इस खबर का मकसद बताना यही है कि इंसान के जिस्म में पानी बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है समय समय पर इंसान को साफ और स्वच्छ जल का सेवन करते रहने के साथ ही इसको बाहर भी करते रहना चाहिए जिससे आप अनचाही बीमारियों से बचें रहें।