सातवीं के छात्र की हत्या मामले में दो दोषियों को उम्रकैद, तीन बरी
ऋषिकेश के रानीपोखरी स्थित भोगपुर के एक स्कूल में सातवीं कक्षा के छात्र वासु की हत्या के मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ऋषिकेश की अदालत में पिछले छह वर्षों से विचाराधीन इस मामले में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, जबकि तीन अन्य को बरी कर दिया गया है।
अदालत का फैसला
न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अजय डुंगराकोटी की अदालत ने शुभांकर (निवासी एमडीडीए कॉलोनी, देहरादून) और लक्ष्मण (निवासी परमानंद धाम, कुष्ठ आश्रम, भटिंडा, पंजाब) को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही, अदालत ने दोषियों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। यदि यह राशि जमा नहीं की गई, तो उन्हें तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
इसके अलावा, अन्य धाराओं के तहत दोषियों को तीन-तीन वर्ष की अतिरिक्त सजा सुनाई गई है, जिसमें पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना अदा न करने पर एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
तीन आरोपियों को किया बरी
इसी मामले में आरोपी सोलेमन, प्रवीण मैसी और अजय कुमार को अदालत ने साक्ष्य छुपाने के आरोपों से मुक्त कर दिया और उन्हें बरी कर दिया।
क्या था मामला?
यह घटना 10 मार्च 2019 की है, जब भोगपुर के एक स्कूल में सातवीं कक्षा के छात्र वासु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। शुरुआती बयानों में दावा किया गया था कि उसकी मौत फूड प्वाइजनिंग से हुई, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि वासु की मृत्यु मारपीट के कारण हुई थी।
पुलिस जांच और आरोपी
वासु के पिता झपटू यादव (निवासी श्रीविवेकानंद कुष्ठ आश्रम, दिल्ली रोड, हापुड़ फाटक, मेरठ, यूपी) की तहरीर पर पुलिस ने हत्या और साक्ष्य छुपाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। प्रारंभिक जांच में तीन लोगों को आरोपी बनाया गया था, लेकिन बाद में विवेचना के दौरान कुल पांच लोगों को इस अपराध में शामिल पाया गया।
उम्रकैद की सजा पाने वाले भी थे छात्र
बताया जा रहा है कि उम्रकैद की सजा पाने वाले शुभांकर और लक्ष्मण उसी स्कूल के छात्र थे, जिन्होंने वारदात को अंजाम दिया। अदालत के इस फैसले के बाद मृतक छात्र के परिवार ने संतोष जताया है।