वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक अब संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुके हैं। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे “एक महत्वपूर्ण क्षण” बताया है।
राज्यसभा में इस विधेयक के समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े, जबकि लोकसभा में 288 सांसदों ने विधेयक के पक्ष में और 232 ने विरोध में मतदान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा,
“यह विधेयक सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास की दिशा में हमारी सामूहिक खोज में एक मील का पत्थर है। इससे खासतौर पर उन लोगों को मदद मिलेगी जो अब तक हाशिए पर रहे और जिन्हें न तो आवाज मिली, न ही अवसर।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दशकों से वक्फ व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी की प्रतीक रही है, जिससे मुस्लिम महिलाओं, गरीब और पसमांदा मुसलमानों को नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि नया संशोधित कानून न केवल लोगों के अधिकारों की रक्षा करेगा, बल्कि वक्फ प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करेगा।
पीएम मोदी ने उन सभी सांसदों का आभार भी जताया जिन्होंने इन विधेयकों को मजबूत बनाने में योगदान दिया।
विपक्ष का विरोध
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विधेयक के पारित होने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में ‘नकारात्मक रुख’ अपनाया है। वहीं, कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया।
अब देखना होगा कि इस विधेयक के अमल में आने के बाद वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों और पारदर्शिता की कमी पर क्या असर पड़ता है और क्या यह वाकई हाशिए पर खड़े लोगों को मुख्यधारा में ला पाता है।