बीते चुनाव में बाहरी दावेदार के चलते डूबी थी कांग्रेस की लुटिया
रुद्रपुर। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के किच्छा विधानसभा क्षेत्र से 2017 के चुनाव में हार के बाद आगामी 2022 में होने जा रहे चुनाव में सूबे के पूर्व कैबिनेट मंत्री तिलकराज बेहड़ ने किच्छा से दावेदारी की है। वहीं सियासत की बिसात पर अगर इस दावेदारी को तोलें तो पूर्व मंत्री बेहड़ का बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला नहीं बल्कि अपनी ही पार्टी के सात वरिष्ठ कांग्रेसी नेता से चुनाव से पूर्व ही मुकाबला है।
चुनाव से पहले अगर तिलकराज बेहड़ इन नाराज कांग्रेसी नेताओं को मना पाए तो तिलकराज बेहड़ की चुनौती राजेश शुक्ला से होगी लेकिन मौजूदा समय की अगर बात की जाए तो तिलकराज बेहड़ के लिए नाराज कांग्रेस नेता ही सबसे बड़ी रुकावट बने हुए हैं।
सूत्रों की मानें तो 2017 के किच्छा विधानसभा चुनाव में हरीश रावत को हराने वाले कोई और नहीं बल्कि स्थानीय कांग्रेसी नेता ही थे, जो इस बात से नाराज थे कि अगर हरीश रावत किच्छा विधानसभा से विधायक बन गए तो लंबे समय तक उनको किच्छा विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिल पायेगा। सूत्रों की माने तो यही इसके भीतरघात सुबे के मुख्यमंत्री रहते हुए भी हरीश रावत को किच्छा विधानसभा सीट से चुनाव हरा गया। कांग्रेस की गुटबाज़ी ही हरीश रावत के चुनाव हारने के सबसे बड़ा कारण बनी।
ठीक उसी तरह इस समय किच्छा विधानसभा क्षेत्र में खलबली मची हुई है। इस जिले की हॉटसीट कहे जाने वाली किच्छा विधानसभा को पहले से भी अधिक रोचक माना जा रहा है। आगामी विंस में कांग्रेस के पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ किच्छा विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे हैं।
उनकी इसी दावेदारी की वजह से पार्टी की गुटबाज़ी खुले तौर पर सामने आ गई हैं। कुछ दिनों पहले ही नैनीताल/ ऊधमसिंह नगर संसदीय सीट के प्रभारी व राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र यादव के सामने खुलेआम किच्छा क्षेत्र के सात वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओ ने बेहड़ की दावेदारी को लेकर विरोध दर्ज किया था। बाकायदा वह प्रभारी के सामने ही धरने पर बैठ गए थे। इससे साफ है कि बेहड़ की दावेदारी के यह सात स्थानीय वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सीधे तौर पर ख़िलाफ़ हैं।
ऐसे में साफ है कि अगर पूर्व कैबिनेट मंत्री बेहड़ को किच्छा से टिकट भी मिलता है तो भी वर्तमान विधायक राजेश शुक्ला से नहीं उनका खुद की अपनी पार्टी के लोंगो से ही पहला मुकाबला होगा।
बीते चुनाव में भी बाहरी प्रत्याशी होने के चलते पूर्व सीएम हरीश रावत को किच्छा विधानसभा क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा था। बताते चलें कि इससे पूर्व तिलक राज बेहड़ दो बार रुद्रपुर विधानसभा से चुनाव हार चुके हैं। बीते चुनाव में पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ को भाजपा के राजकुमार ठुकराल ने करीब 24000 से अधिक वोटों से पराजित किया था। वही इसके उलट पूर्व मंत्री बेहड़ का दावा है कि विरोध करने वाले सात हो या उनकी संख्या सो हो , वो हर हाल में किच्छा सीट से दावेदारी करेंगे।
ऐसे में साफ है कि पूर्व मंत्री बेहड़ और 7 वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के बीच चुनाव से पहले ही राजनैतिक तौर पर तलवारें खीँच चुकी हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस की खुले तौर पर सामने आ रही इस गुटबाजी के बाद कांग्रेस आलाकमान किच्छा विधानसभा सीट से प्रत्याशी चयन को लेकर किस रणनीति पर काम करता है। ऐसे में अब भी किच्छा विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
जल्दी खबर पड़ताल की टीम किच्छा विधानसभा से पड़ताल कर जनता क्या चाहती है
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