
अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट, एक घायल





हरिद्वार: सोमवार सुबह हरिद्वार के ज्वालापुर इलाके में एक भीषण विस्फोट हुआ, जिससे पूरा क्षेत्र दहल उठा। यह धमाका एक घर में रखे पटाखों और पटाखा बनाने की सामग्री में हुआ। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि मकान के परखच्चे उड़ गए। हादसे में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे स्थानीय लोगों ने जिला अस्पताल पहुंचाया। हालत गंभीर होने के कारण उसे एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया।
अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाका
घटना सुबह करीब 7:45 बजे लोधामंडी क्षेत्र में हुई। आजाद अली नामक व्यक्ति घर की पहली मंजिल पर पटाखे बना रहा था, तभी अचानक विस्फोट हो गया। धमाका इतना जबरदस्त था कि कमरे की छत और दीवारें ध्वस्त हो गईं, जिससे आजाद अली मलबे में दब गया।
स्थानीय लोगों ने बचाया घायल व्यक्ति
धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और मलबे में दबे आजाद अली को बाहर निकाला। 108 एंबुलेंस की मदद से उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया।
पुलिस की जांच जारी
सूचना मिलते ही ज्वालापुर कोतवाल प्रदीप बिष्ट टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आजाद अली बिना लाइसेंस के अवैध रूप से पटाखे बना रहा था। पुलिस और फॉरेंसिक टीम मामले की जांच में जुट गई है।
फॉरेंसिक जांच शुरू, पुलिस की सख्ती
घटनास्थल पर पहुंचे एसपी सिटी पंकज गैरोला और सीओ अविनाश वर्मा ने निरीक्षण किया। एसपी सिटी ने बताया कि आजाद अली के पास पटाखे बनाने का लाइसेंस नहीं था। पुलिस अब इस मामले में कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
पुराने हादसों की याद ताजा
गौरतलब है कि 20 फरवरी 2023 को रुड़की में अवैध पटाखों के गोदाम में भीषण आग लगी थी, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में भी पटाखों का अवैध भंडारण प्रमुख कारण बना था।
कैसे मिलता है पटाखा फैक्ट्री का लाइसेंस?
चूंकि पटाखे ज्वलनशील और खतरनाक पदार्थ होते हैं, इसलिए इसके लिए लाइसेंस प्राप्त करना कठिन होता है।
आवश्यक प्रक्रिया:
- पुलिस आयुक्त या जिला मजिस्ट्रेट से संपर्क कर लाइसेंस के लिए आवेदन करना होता है।
- व्यापार पंजीकरण, पहचान पत्र और पते का प्रमाण देना आवश्यक होता है।
- फायर ब्रिगेड और पुलिस विभाग से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेना जरूरी होता है।
- लाइसेंस मिलने के बाद ही पटाखों की दुकान या फैक्ट्री चलाई जा सकती है।
पटाखा फैक्ट्री के लिए नियम:
1. आबादी से कम से कम 1 किलोमीटर दूर फैक्ट्री होनी चाहिए।
2. हाइटेंशन तार और ट्रांसफार्मर के पास पटाखा फैक्ट्री नहीं होनी चाहिए।
3. अग्निशमन यंत्र, रेत भरी बाल्टी और पानी की व्यवस्था अनिवार्य है।
4. गैस सिलेंडर, अगरबत्ती, लैंप, लालटेन जैसे ज्वलनशील पदार्थों पर प्रतिबंध है।
5. फैक्ट्री मालिक और कर्मचारियों को अग्निशमन यंत्र चलाने का प्रशिक्षण होना चाहिए।
हरिद्वार के ज्वालापुर में हुए इस हादसे ने एक बार फिर अवैध पटाखा निर्माण की खतरनाक हकीकत को उजागर किया है। प्रशासन अब सख्ती से जांच कर रहा है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।