इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वकील अशोक पांडे को अदालत की अवमानना का दोषी मानते हुए 6 महीने की सजा और ₹2000 का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने यह सजा उस मामले में सुनाई, जिसमें पांडे ने सुनवाई के दौरान जजों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया था और उन्हें ‘गुंडा’ तक कह दिया था।
जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस बृज राज सिंह की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि अशोक पांडे का व्यवहार अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि क्यों न उन्हें अगले तीन सालों के लिए हाई कोर्ट में वकालत करने से रोका जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी।
मामला 18 अगस्त 2021 का है, जब पांडे एक केस की सुनवाई के दौरान निर्धारित वकीली ड्रेस की बजाय सिविल ड्रेस में कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने शर्ट के बटन खुले रखे थे और जब अदालत ने उन्हें वकीली ड्रेस पहनने को कहा, तो उन्होंने इसका विरोध किया और कोर्ट में अभद्र भाषा का प्रयोग किया।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अशोक पांडे 2003 से 2017 के बीच भी कई बार अनुशासनहीनता और अदालत की अवहेलना कर चुके हैं। उन्होंने कभी भी अपने व्यवहार पर खेद नहीं जताया और न ही कोई स्पष्टीकरण दिया।
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वकीलों से अपेक्षा की जाती है कि वे न्यायपालिका की मर्यादा बनाए रखें, लेकिन पांडे का रवैया लगातार इसका उल्लंघन करता रहा है।