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कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां कोर्ट के आदेशों की अनदेखी करना प्रशासनिक अधिकारियों पर भारी पड़ गया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूरज मिश्रा की कोर्ट ने पनकी क्षेत्र में भूमि विवाद को लेकर लापरवाही बरतने पर एसडीएम सदर, तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश जारी किया है।

मामला पनकी निवासी सोबरन पाल से जुड़ा है, जिन्होंने मेवालाल से एक जमीन खरीदी थी। दाखिल खारिज होने के बावजूद अब तक उस जमीन की पैमाइश नहीं की गई। इस बीच आरोप है कि मेवालाल और अन्य तीन लोगों ने मिलकर जमीन को अपनी बताकर दूसरों को बेचना शुरू कर दिया।

सोबरन पाल ने कई बार तहसील स्तर पर पैमाइश की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंततः उन्होंने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल से रिपोर्ट तलब की, लेकिन रिपोर्ट न देने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की।

बार-बार आदेश दिए जाने के बावजूद रिपोर्ट न आने पर सीजेएम कोर्ट ने इसे आदेश की अवमानना मानते हुए, प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की और चारों पर प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश दिया, इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई को निर्धारित की गई है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

यह मामला साफ करता है कि अब अदालतें अपने आदेशों की अवहेलना को हल्के में नहीं लेंगी, और प्रशासनिक लापरवाही पर सख्त रुख अपनाया जा रहा है।

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