*Haldwani” बनभूलपुरा भूमि अतिक्रमण मामले में, HC ने सुनाया ये फैसला…*

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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकार की नजूल भूमि में स्थित ‘मलिक के बगीचे’ में हुए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को कोई राहत नहीं देते हुए राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने सरकार के जवाब पर याचिकाकर्ता से प्रति शपथपत्र पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 10 मई की तिथि नियत की है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पैरवी करते हुए कहा कि हल्द्वानी नगर निगम ने अतिक्रमण हटाने का जो नोटिस दिया है, वह नियमावली के विरुद्ध है. नोटिस में किसी भी नियमावली का पालन नहीं किया है. इसलिए इस नोटिस पर रोक लगाई जाए. इसके जवाब में राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने कहा कि नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार के पास पॉलिसी है. प्रशासन ने नियमों के तहत ही अतिक्रमण हटाया है. सरकार की तरफ से अधिवक्ताओं ने कहा कि पूर्व में यह भूमि सरकार ने कृषि करने के लिए दस साल की लीज पर दी थी. जिसकी लीज समाप्त हो गई और इसका रिन्यूअल नहीं हुआ है।

मामले के अनुसार सफिया मलिक (अब्दुल मलिक की पत्नी) ने याचिका दायर कर कहा है कि नगर निगम हल्द्वानी ने उन्हें 30 जनवरी 2024 को नोटिस देकर ‘मलिक के बगीचे’ से अतिक्रमण हटाने को कहा था. उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया, जो नोटिस दिया गया था वो एक प्रशासनिक नोटिस था, न कि किसी कोर्ट का. प्रशासन को ध्वस्तीकरण करने के आदेश देने का अधिकार नहीं है. ध्वस्तीकरण करने से पहले उन्हें पीपी एक्ट में नोटिस दिया जाना था, जो नहीं दिया गया. किसी भी नियमावली का पालन नहीं किया गया. इसलिए इस नोटिस पर रोक लगाई जाए।

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