*इस एप के जरिए SSB अधिकारी के साथ 15.90 लाख रुपये की धोखाधड़ी, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे इस्तेमाल; रहें सतर्क*

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गृह मंत्रालय और अर्धसैनिक बलों द्वारा समय-समय पर साइबर एवं वित्तीय धोखाधड़ी को लेकर जवानों व अफसरों को सचेत किया जाता है। सेक्टर, यूनिट और बटालियनों में साइबर धोखाधड़ी व इससे निपटने के तरीकों के बारे में बताया जाता है। इसके बावजूद पैसे कमाने के लालच में जवान साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। ताजा मामला सशस्त्र सीमा बल ‘एसएसबी’ की ‘सी’ कंपनी का है। एसएसबी निरीक्षक सुरेंद्र कुमार (बदला हुआ नाम) को 15.90 लाख रुपये की चपत लग गई। उन्होंने ‘एक्सक्लूसिव एप’ में ट्रेडिंग के लिए यह राशि लगाई थी। उन्हें बताया गया कि उसकी राशि 55 लाख रुपये हो गई है। कुछ दिन बाद जब उन्होंने 30 लाख रुपये निकालने चाहे, तो ऐसा नहीं हो पाया। बाद में उनके द्वारा साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई।

जानकारी के अनुसार, एसएसबी की ‘सी’ कंपनी में निरीक्षक सुरेंद्र कुमार फेसबुक के माध्यम से एक ग्रुप के साथ जुड़े थे। उस ग्रुप का नाम ‘स्टॉक विनर्स अलायंस वीआईपी ग्रुप’ था। इस ग्रुप के द्वारा एसएसबी निरीक्षक को एक मोबाइल एप्लीकेशन प्रदान की गई। उस एप का नाम वीआईपी एक्सक्लूसिव एप था। ग्रुप की तरफ से उन्हें बताया गया कि कि वे इस एप को अपने फोन में डाउनलोड कर लें। उन्हें जानकारी दी गई कि इस एप की मदद से ब्लॉक ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोला जाता है। साथ ही यह भी बताया गया कि इस अकाउंट के माध्यम से डिस्काउंट रेट पर स्टॉक मिलता है। इसमें डीमैट अकाउंट की तुलना में ज्यादा मुनाफा होता है। एसएसबी निरीक्षक के लिए यह मुनाफा लालच का सबब बन गया।

सुरेंद्र कुमार ने सात अप्रैल से ट्रेडिंग में पैसा लगाना शुरू कर दिया। उन्होंने 11 अप्रैल को ग्रुप द्वारा मुहैया कराए गए एप से दो हजार रुपये निकाले तो इसमें वह सफल रहे। अब सुरेंद्र कुमार को यह विश्वास हो गया था कि एप सही है और इसमें कोई धोखाधड़ी वाली बात नहीं है। इसके बाद एसबीआई नेट बैंकिंग और फोन पे के जरिए कुल सात ट्रांजेक्शन किए। इन ट्रांजेक्शन के माध्यम से उन्होंने 15 लाख नब्बे हजार रुपये की राशि, ‘एक्सक्लूसिव एप’ में लगा दी। वह राशि मुनाफे के साथ 55 लाख रुपये दिखाई दे रही थी। इस वजह से उनका इस एप पर भरोसा बढ़ गया।

अगले कई दिन तक एप से कोई राशि नहीं निकाली गई। दो मई को सुरेंद्र कुमार ने एक्सक्लूसिव एप से 30 लाख रुपये निकालने चाहे। एसएसबी निरीक्षक उस वक्त हैरान रह गए, जब एप ने उसका 30 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन रोक दिया। काफी प्रयास करने के बाद भी निकासी संभव नहीं हो सकी और तब उन्हें अहसास हुआ कि उनके साथ साइबर धोखाधड़ी हो गई है। एसएसबी निरीक्षक ने दो मई को साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई।

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