गदरपुर के पांच बीडीसी सदस्यों को जीत के प्रमाण पत्र की दूसरी प्रति न मिलने पर पूर्व विधायक ने डीएम कार्यालय पर दिया धरना

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गदरपुर के पांच बीडीसी सदस्यों को जीत के प्रमाण पत्र की दूसरी प्रति न देने का आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने जिला प्रशासन के खिलाफ जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में सांकेतिक धरना दिया। उन्होंने जिला प्रशासन पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन पर निर्वाचन आयोग के आदेशों को भी दरकिनार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीडीसी सदस्यों के शपथ पत्र देने के बाद भी पुलिस प्रमाणपत्रों की गुमशुदगी दर्ज नहीं कर रही है। वहीं आरोप लगाया कि जिला प्रशासन जानबूझकर बीडीसी सदस्यों को प्रमाण पत्र की दूसरी कापी न देकर चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी को जिताने की कोशिश कर रहा है। वहीं निर्वाचित बीडीसी सदस्यों को चुनावी प्रक्रिया में शामिल न होने देने की साजिश कर रहा है।

पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने आरोप लगाया कि गदरपुर विकास खंड क्षेत्र के महतोष की बीडीसी सदस्य तरन्नुम पुत्री मुनब्बर अली, गदरपुरा की बीडीसी सदस्य रबीना पुत्री महमूद अली, विजयनगर की बीडीसी सदस्य मंजू मंडल पत्नी नारायण मंडल, खानपुर पूर्व की बीडीसी सदस्य और श्रीरामपुर की बीडीसी सदस्य विनोदनी गाइन पत्नी तारक गाइन को जीत का प्रमाण पत्र रिटर्निंग ऑफिसर ने नहीं दिया है। उनका आरोप था कि अनाज मंडी गदरपुर में 31 जुलाई को मतगणना के बाद जीते पांच बीडीसी सदस्यों को जीत का निर्वाचन प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि निर्वाचित पांच बीडीसी सदस्यों के राज्य निर्वाचन आयोग से प्रमाण पत्र की दूसरी प्रति देने के अनुरोध पर आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने जिलाधिकारी यूएस नगर को प्रत्येक मामले की जांच कराकर प्रमाण पत्र गायब होने का शपथ पत्र प्राप्त कर कार्यवाही करने निर्देश दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता के दबाव में जिला प्रशासन प्रमाण पत्र की दूसरी प्रति नहीं दे रहा है। आरोप लगाया कि भाजपा सर्मथित एक प्रत्याशी को चुनाव में फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

वहीं तराई किसान संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष तजेंद्र सिंह विर्क ने भी इस मामले को लेकर अनूठा विरोध दर्ज कराने के लिए खुद को बेड़ियों में जकड़कर धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। आजादी कहां है, आम आदमी गुलाम है। 15 अगस्त को आजादी का जश्न मनाने की बात की जा रही जबकि निर्वाचित बीडीसी को जीत का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है। सत्ता के दबाव में अधिकारी कार्य कर रहे हैं। उन्होंने निर्वाचित पांच बीडीसी सदस्यों को प्रमाण देने की मांग की। वहीं इस संबंध में जिलाधिकारी नितिन भदौरिया से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

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