*उत्तराखंड” पुलिस महकमे में नहीं है सब कुछ ठीक-ठाक, विभाग में समन्वय की कमी; पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर के आदेश को 72 घंटे में ही पलटा।*

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उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में आदेशों को लेकर समन्वय की कमी दिखाई दे रही है.स्थिति यह है कि 72 घंटे में ही मुख्यालय स्तर पर अपने ही निर्णय को पलटा जा रहा है. मामला पुलिस विभाग में तबादलों से जुड़ा हुआ है, जिस पर नया आदेश आने के बाद पुलिसकर्मियों के लिए तबादले का रास्ता खोल दिया गया है।

उत्तराखंड पुलिस विभाग में अब 31 जुलाई तक तबादले हो सकते हैं. पुलिस महानिरीक्षक कार्मिक अनंत शंकर ताकवाले ने इस संदर्भ में आदेश जारी करते हुए पुराने आदेश को संशोधित करने से जुड़ा पत्र जारी किया है. खास बात यह है कि तीन दिन पहले यानी 22 जून को ही पुलिस महानिरीक्षक मुख्यालय विम्मी सचदेवा ने मुख्यालय स्तर पर केवल अनुकंपा के आधार पर ही स्थानांतरण किए जाने के निर्देश जारी किए थे. हैरत की बात यह है कि तीन दिन बाद ही इन आदेशों को संशोधित करने से जुड़ा आदेश जारी कर दिया गया.पुलिस मुख्यालय के स्तर पर जारी हुआ नया आदेश सभी के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है।

ऐसा इसलिए क्योंकि जब तीन दिन पहले मुख्यालय स्तर से किसी भी स्थानांतरण को लेकर रोक लगाई गई थी और केवल अनुकंपा के आधार पर ही स्थानांतरण किए जाने के निर्देश दिए गए थे तो फिर तीन दिन बाद आखिरकार इन निर्देशों को संशोधित करने की क्या जरूरत पड़ी.साफ है कि मुख्यालय स्तर पर समन्वय की कमी दिखाई दे रही है.इस सबसे इतर अब नए आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण किया जा सकेंगे. जारी आदेश के अनुसार 31 जुलाई 2024 तक वार्षिक स्थानांतरण के तहत कर्मचारियों को स्थानांतरण नीति में निहित प्रावधानों के अनुसार अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को स्थानांतरण मिल सकेगा. यानी राज्य में अब सामान्य स्थानांतरण पॉलिसी के तहत स्थानांतरण हो सकेंगे साथ ही अनुकंपा के आधार पर भी अलग से विचार किया जा सकेगा।

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