
रुद्रपुर। नगर पंचायत लालपुर की अध्यक्ष प्रत्याशी बलविन्दर कौर पर चुनावी नामांकन में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप लगा है। मामले में बलकार सिंह नामक व्यक्ति ने प्रत्याशी द्वारा अपने पुत्र की जन्मतिथि में हेरफेर कर शपथपत्र में गलत जानकारी प्रस्तुत करने की शिकायत दर्ज कराई है।





बलकार सिंह ने बताया कि बलविन्दर कौर ने अपने पुत्र समनप्रीत सिंह रंधावा की जन्मतिथि को लेकर अलग-अलग दस्तावेजों में दो भिन्न तिथियां दर्शाई हैं। नगर निकाय चुनाव के नामांकन पत्र में समनप्रीत की जन्मतिथि 25 सितंबर 2002 बताई गई है। वहीं, जेसीस पब्लिक स्कूल रुद्रपुर की टीसी प्रमाण पत्र में उसकी जन्मतिथि 25 सितंबर 2003 दर्ज है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि नगर निकाय चुनाव के नियमों के अनुसार, यदि किसी प्रत्याशी का तीसरा बच्चा 27 अप्रैल 2003 के बाद जन्मा है, तो वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होगा। लेकिन बलविन्दर कौर ने अपने पुत्र की वास्तविक जन्मतिथि छिपाकर और फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर नामांकन में गलत जानकारी प्रस्तुत की।
बलकार सिंह ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए बलविन्दर कौर के नामांकन फार्म, शपथपत्र, समनप्रीत सिंह के जन्म प्रमाणपत्र और स्कूल के टीसी रिकॉर्ड की जांच कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर मामले की जांच नहीं की गई, तो वह उत्तराखंड उच्च न्यायालय का रुख करेंगे।
वहीं हल्द्वानी नगर निकाय चुनाव के दौरान दो ताजा मामले सामने आए हैं, जहां फर्जी शपथ पत्र दाखिल करने और नामांकन पत्र में झूठी जानकारी देने का आरोप लगा है। इस मामले ने न केवल हल्द्वानी, बल्कि पूरे उधम सिंह नगर में चर्चाओं का दौर गर्म कर दिया है।
पुलिस द्वारा इन दोनों प्रत्याशियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। आरोप है कि नामांकन पत्रों में फर्जी दस्तावेज और गलत जानकारी दी गई। इस पूरे मामले को लेकर पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इस मामले में निष्पक्ष जांच के आदेश देंगे? या फिर भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ आरोप होने की वजह से इस मामले पर राजनीतिक दबाव हावी रहेगा?
इस मामले की निष्पक्ष जांच और सत्यता जनता की नजरों में लोकतंत्र और न्याय की प्रक्रिया को परिभाषित करेगी। फिलहाल, जांच जारी है और सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं।