*Canada में घर का संकट आने से सरकार द्वारा विदेशी छात्रों की तादाद घटाने पर विचार, भारतीयों पर पड़ेगा असर….*

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कनाडा दूसरे देशों से अपने यहां पढ़ने आए स्टूडेंट्स की संख्या सीमित करने पर विचार कर रहा है। दरअसल, कनाडा इस समय बढ़ती बेरोजगारी और आवास के संकट से जूझ रहा है। इसकी बड़ी वजह दूसरे देशों से कनाडा आने वाले छात्रों को माना जा रहा है। कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में इंटरनैशनल स्टूडेंट्स की संख्या सीमित करने की बात कही है। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि सरकार विदेशी छात्रों की संख्या को कितना घटाना चाहती है।

 

मिलर ने कहा कि इस बारे में अंतिम फैसला प्रांतीय सरकारों से सलाह-मशविरे के बाद लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी छात्रों की संख्या को सीमित करने से सभी क्षेत्रों में आवास की समस्या खत्म नहीं होगी, लेकिन यह फिलहाल हमारे पास सबसे उपयुक्त विकल्पों में से एक है। हालांकि, विदेशियों पर उदार रुख रखने वालों ने इस साल देश में 4.85 लाख प्रवासियों का लाने का लक्ष्य रखा है। साल 2025 और 2026 में 5-5 लाख लोगों को लाने की कोशिश होगी।

 

4 करोड़ की आबादी वाले कनाडा में फिलहाल 9 लाख से अधिक विदेशी छात्र हैं। इनकी कनाडा की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका है। भारत से भी वहां बड़ी संख्या में लोग पढ़ने और रोजगार की तलाश में जाते हैं। कनाडा के कुल विदेशी छात्रों में भारत की हिस्सेदारी 37% है। वहां पिछले दो दशक में सिख आबादी दोगुनी से अधिक हो गई। ज्यादा विदेशियों के आने से घरों की डिमांड और कीमतों में काफी इजाफा हुआ है। स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के मौके भी घट गए।

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