
हल्द्वानी में ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रणाली के खिलाफ दस्तावेज लेखकों, स्टांप विक्रेताओं और अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्रार कार्यालय के बाहर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। धरने का तीसरा दिन भी जारी रहा, जहां प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर उन्हें बेरोजगार करने का आरोप लगाया।





क्या है विरोध का कारण?
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि रजिस्ट्री से हजारों लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है, जिनमें अरायज नवीस, दस्तावेज लेखक, स्टांप विक्रेता और अधिवक्ता शामिल हैं। लेकिन सरकार रजिस्ट्री को ऑनलाइन कर रही है, जिससे मैन्युअल दस्तावेज खत्म हो जाएंगे और हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
- दस्तावेज लेखकों ने बताया कि ऑनलाइन प्रणाली लागू होने से:
- स्टांप विक्रेताओं का कारोबार पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
- दस्तावेज लेखक और अधिवक्ता बेरोजगार हो जाएंगे।
- ई-चालान के जरिए रजिस्ट्री शुल्क जमा होगा, जिससे उनके काम पर सीधा असर पड़ेगा।
दस्तावेज लेखकों की मांगें
प्रदर्शन कर रहे दस्तावेज लेखकों ने सरकार के सामने निम्नलिखित मांगें रखीं:
1. मौजूदा मैन्युअल रजिस्ट्री व्यवस्था जारी रखी जाए।
2. स्टांप केवल स्टांप विक्रेताओं के माध्यम से ही बेचे जाएं।
3. दस्तावेज लेखकों और अधिवक्ताओं के जरिए ही रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी की जाए।
4. स्टांप चालान की व्यवस्था समाप्त कर दी जाए।
उन्होंने बताया कि पहले विवाह का पंजीकरण मैन्युअल रूप से होता था, लेकिन अब यूसीसी (UCC) के तहत सीएससी सेंटरों के माध्यम से ऑनलाइन विवाह पंजीकरण किया जा रहा है। इसी तरह अगर ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू हो गई तो कुमाऊं क्षेत्र में करीब 15,000 दस्तावेज लेखक बेरोजगार हो जाएंगे।
आंदोलन की चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे और रजिस्ट्री कार्य को पूरी तरह रोक देंगे।