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बारिश और ओलावृष्टि से जंगल की आग तो शांत हुई लेकिन जगह जगह घरों में पानी और मलबा घुस गया है. मूलसाधार बारिश के कारण मलबा आने से तीन सड़कें बंद हुई हैं. बिजली गिरने से 100 से अधिक बकरियों की मौत हो गई. उधर अल्मोड़ा जिले में भी मूसलाधार बारिश हुई. चनौदा के पास अतिवृष्टि से बाधित हुए सड़क मार्ग को खोलने के लिए मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. बहुत ज्यादा मलबा आ जाने से उसे खुलने में शाम भी हो सकती है, इसलिए मार्ग को डायवर्ट किया गया है..

बागेश्वर: जिले में बारिश और ओलावृष्टि के बाद जंगलों में लगी आग शांत हो गई है. साथ ही नगर क्षेत्र में फैले धुएं से भी लोगों को राहत मिली है. बारिश के बाद अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई. लेकिन पहली ही बारिश में बागेश्वर नगर और कपकोट नगर क्षेत्र में जगह जगह सड़कें बंद हुई हैं. कई जगह घरों में पानी और मलबा घुसा है. गोगिना में बिजली गिरने से 121 बकरियों की मौत भी हो गई है. सरयू गोमती का जल स्तर खतरे के निशान के आस पास पहुंच चुका है. जिला प्रशासन लोगों से नदियों से दूर रहने की अपील कर रहा है।

जिला मुख्यालय में बुधवार शाम 6 बजे से बारिश शुरू हो गई थी, जो देर रात तक तेज हो गई. कपकोट और दुग नाकुरी तहसील क्षेत्र के कई गांवों में ओलावृष्टि हुई. पुड़कूनी, झोपड़ा में भी ओले बरसे हैं. नगर क्षेत्र में नदियां खतरे के निशान के आसपास पहुंच गईं. कपकोट नगर समेत हरसीला, अनर्सा, हड़बाड़, पुरकोट, बालीघाट, रीमा, पचार समेत कई गांवों में हल्की ओलावृष्टि हुई. जिला मुख्यालय सहित कपकोट, रीमा, कौसानी क्षेत्र में भी जमकर बारिश हुई है. बारिश होने से सबसे अधिक राहत वन विभाग को मिली है. वनों में लगी आग को बारिश ने शांत कर दिया है. जिला मुख्यालय समेत घाटी वाले इलाकों में फैली धुंध भी कम हो गई है. वहीं, तापमान कम होने से लोगों को भी गर्मी से राहत मिली है।

गोगिना गांव के समीप के बुग्यालों में चुगान को गई बकरियां बिजली की चपेट में आ गईंं. बिजली गिरने से 121 बकरियों की मौत हो गई. ग्रामीणों ने प्रशासन से नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है. बिचला दानपुर के लीती, गोगिना, कीमू गांव बुग्यालों से सटे हैं. ग्रामीणों के मवेशी चुगान के लिए इन्हीं बुग्यालों में जाते हैं. गोगिना के लमतरा बुग्याल में बिजली गिरने से 10 पशुपालकों की 121 बकरियां मर गईं. वहीं तेज हुई बारिश से दणु, बसकुना गधेरे के उफान में आने से यातायात कई घंटे तक बाधित रहा. वहीं मंडलसेरा सहित तहसील क्षेत्र और कपकोट में कई घरों में बारिश का पानी घुस गया।

अल्मोड़ा जिले के जंगल लगातार आग से जल रहे थे. वहीं बुधवार की देर रात्रि से जिले के कुछ स्थानों में बारिश से राहत मिली है. अल्मोड़ा लोकल में जहां हल्की बारिश हुई, वहीं सोमेश्वर और चौखुटिया क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण सड़क मार्ग बंद हो गए हैं. दोनों स्थानों में एसडीआरएफ की टीम को लगाया गया है. वहीं मार्ग को डायवर्ट किया गया है।

पिछले एक दो महीने से जंगलों में लगी आग से वन संपदा को भारी नुकसान हुआ है. वहीं चार लोग इस आग की चपेट में आने से मौत के मुंह में चले गए थे. जिले के हर क्षेत्र के जंगल जल रहे थे. बुधवार को दिनभर आसमान बदलों से घिरा रहा. वहीं अनेक स्थानों में तेज बारिश भी हुई. अल्मोड़ा के सोमेश्वर तहसील में कौसानी से सोमेश्वर जाने वाले मार्ग में चनौदा के पास अतिवृष्टि होने से देर रात्रि में मलबा आ गया. इतना मलबा आया कि मार्ग को डायवर्ट किया गया है. इस दौरान वहां खड़ी एक मोटर साइकिल भी मलबे में दब गई. कुछ वाहनों को हल्की क्षति पहुंची है।

रात्रि में ही मार्ग को खोलने के लिए एसडीआरएफ, फायर और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. लेकिन विद्युत लाइन टूट कर गिरने से वहा पर कार्य नहीं हो सका. गुरुवार की सुबह वहां पर फिर टीम को भेज कर मार्ग से मलबा हटाने की कार्रवाई की गई है. उधर द्वाराहाट चौखुटिया मोटर मार्ग में भी मलबा आ जाने से मार्ग बाधित हो गया है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने बताया कि चौखुटिया द्वाराहाट में थमली के पास मलबा आ जाने से मार्ग बाधित हुआ था, जिससे मलबा हटा दिया गया है और मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया है. वहीं चनौदा के पास अतिवृष्टि से बाधित हुए सड़क मार्ग को खोलने के लिए मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. बहुत ज्यादा मलबा आ जाने से उसे खुलने में शाम भी हो सकती है, इसलिए मार्ग को डायवर्ट किया गया है।

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