शहर के भवनों और दुकानों पर बुलडोजर गरजेगा. जिसे लेकर व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है. अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण तोड़ने के लिए दो दिन की मोहलत दी गई है. वहीं, व्यापारियों ने कार्रवाई का नोटिस मिलने के बाद जोरदार प्रदर्शन किया…
नैनीताल हाईकोर्ट से सड़क चौड़ीकरण से जुड़ा मामला निस्तारित होने के बाद मंगल पड़ाव से ओके होटल तक अतिक्रमण हटाने को कहा गया है. इसके तहत 101 दुकान और भवन स्वामियों को दो दिन की मोहलत दी गई है. अगर कोई अतिक्रमण नहीं हटाता है तो उसे बलपूर्वक तोड़ा जाएगा. जिससे स्थानीय लोगों और व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है.
दरअसल, लोक निर्माण विभाग और नगर निगम की ओर से जारी नोटिस में 23 अगस्त तक अतिक्रमणकारियों को भवनों को स्वयं ही तोड़ने को कहा गया है. अगर इसके बावजूद कोई अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है तो टीम अपने स्तर से कार्रवाई करेगी. मामले में सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण करने को लेकर प्रशासन की ओर से अतिक्रमण चिह्नित किया गया था. इसके बाद भवन स्वामी हाईकोर्ट चले गए. जहां मामले के निस्तारित होने के बाद अब प्रशासन ने दो दिन के भीतर सभी 101 दुकानों को नोटिस दे दिए हैं.
सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 23 अगस्त तक सभी दुकानों और भवनों को खाली कर नहीं तोड़ा गया तो प्रशासन की ओर से बलपूर्वक भवनों को तोड़ा जाएगा. गौर हो कि हल्द्वानी में सड़क चौड़ीकरण को लेकर सड़क के बीच से दोनों तरफ 12 मीटर चिन्हीकरण कर अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई थी. जिसके बाद मामला हाईकोर्ट में चला गया था.
वहीं, दुकान तोड़ने का नोटिस मिलने के बाद व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है. आक्रोशित व्यापारी मामले को लेकर हल्द्वानी नगर निगम पहुंचे. जहां उन्होंने प्रशासन और नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी कर जोरदार प्रदर्शन किया. व्यापारियों का कहना है कि कोर्ट ने दुकानें तोड़ने का कोई भी आदेश जारी नहीं किया है और उनके पास हाईकोर्ट जाने का विकल्प अभी बचा हैं, लेकिन प्रशासन अपनी मनमानी करते हुए तानाशाही कर 2 दिन के भीतर उनकी दुकानों को तोड़ना चाहता है.
उनका कहना है कि इसे व्यापारी किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे. उन्होंने बाजार बंद कर प्रशासन के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी भी दी. व्यापारियों का कहना है कि जिन व्यापारियों को अतिक्रमणकारी कहा जा रहा है, वो 100 साल से ज्यादा पुराने समय से व्यापार करते आ रहे हैं और आज प्रशासन उन्हें जबरदस्ती तोड़ने में लगा हुआ है..