*शातिर तरीके से जाल बुनकर साइबर ठगों ने महिला को 30 घंटे तक रखा ‘डिजिटल अरेस्ट’, खाते में डलवा लिए लाखों रुपए; जानें पूरा मामला और रहें सावधान।*

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उत्तराखंड में साइबर ठगी का एक अनोखा मामला सामने आया है. एक महिला को साइबर ठगों ने कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर 30 घंटे तक डिजिटली अरेस्ट किया. डरी-सहमी महिला से साइबर ठगों ने 10 लाख 50 हजार रुपए अपने खातों में डलवाए. देहरादून पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

राजधानी के थाना डालनवाला क्षेत्र अंतर्गत एक महिला को साइबर ठगों ने कूरियर अवैध बताकर ठग लिया. वीडियो कॉल पर जोड़ने के बाद 30 घंटे तक महिला से डिजिटल अरेस्ट कर पूछताछ की गई. इस दौरान महिला अपने घर में रही और मामले को सुलझाने के नाम पर साइबर ठगों ने उससे लाखों रुपए ठग लिए. महिला की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ थाना डालनवाला में मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

मॉडल कॉलोनी निवासी एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई है कि 31 जुलाई को उनके पास एक कॉल आई. फोनकर्ता ने बताया कि उनका एक अवैध कूरियर थाईलैंड जा रहा था, जिसे रोक दिया गया है. फोनकर्ता ने कहा कि उनका फोन मुंबई क्राइम ब्रांच ट्रांसफर किया जा रहा है. इसके बाद महिला को एक स्काइप वीडियो कॉल पर कुछ लोगों से जोड़ा गया. महिला से वीडियो कॉल पर 30 घंटे तक पूछताछ की गई. जो व्यक्ति बात कर रहा था, वह पुलिस की वर्दी में था और सही-सही जानकारी नहीं देने पर महिला को मुंबई क्राइम ब्रांच बुलाने की धमकी दी जा रही थी। फोनकर्ता ने कहा कि उनके दस्तावेज क्राइम ब्रांच भेजे जा रहे हैं. इस पर महिला इतनी लंबी पूछताछ से परेशान हो गई. कुछ देर बाद महिला के पास वीडियो कॉल आया और वीडियो कॉल पर मौजूद व्यक्ति ने कहा कि उन्हें बचाने के लिए सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं. लेकिन इसके लिए उसने एक शर्त रखी. महिला से कहा कि उसको 10 लाख 50 हजार रुपए देने होंगे. महिला डर गई और रुपए देने के लिए तैयार हो गई. जैसे तैसे महिला ने रकम इकट्ठा कर उस व्यक्ति के बताए खाते में बैंक जाकर जमा कर दी।

थाना डालनवाला प्रभारी मनोज नैनवाल ने बताया कि पीड़ित महिला की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपी को खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. महिला ने कुछ दिन पहले कोई कूरियर किया था. इसका डाटा ठगों ने चोरी कर लिया था. महिला द्वारा जिन खातों में रुपए जमा किए गए, वह खाते चंद्र इंटरनेशनल जीटी रोड कानपुर के नाम पर हैं. साथ ही मोबाइल नंबरों के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है।

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