*”गलत तरीके से गुंडा एक्ट लगाने पर कोर्ट सख्त..” Allahabad highcourt ने प्रमुख सचिव गृह पर लगाया 30 हजार हर्जाना; पढ़िए पूरा मामला…*

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिवारिक और व्यावसायिक विवादों को लेकर दर्ज अपराधिक मामले के आधार पर एक ही परिवार के तीन लोगो पर गुंडा एक्ट की नोटिस जारी करने पर प्रमुख सचिव गृह पर तीस हजार रुपए का हर्जाना लगाया है। हर्जाना राशि याचियों को दो हफ्ते के भीतर अदा करना होगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह प्रथम की खंडपीठ ने याची राकेश वर्मा व अन्य की ओर गुंडा एक्ट के तहत जिलाधिकारी फिरोजाबाद की ओर से जारी नोटिस की वैधता को चुनौती देने वाले याचिका को स्वीकार करते हुए दिया।

मामला फिरोजाबाद का है। याची राकेश वर्मा और राजेश वर्मा सगे भाई है जबकि तीसरा याची राकेश वर्मा का बेटा सोनू उर्फ अभिषेक है। इनके खिलाफ पैतृक सम्पत्ति को लेकर उपजे विवाद में हुई आपसी मारपीट का दोतरफा मुकदमा दर्ज हुआ था जबकि दूसरा मुकदमा व्यावसायिक लेनदेन को लेकर हुआ है और तीसरी बीट पुलिस की रिपोर्ट स्थानीय थाने पर दर्ज है।

हाईकोर्ट ने रद्द किया डीएम का आदेश

इन्ही तीनों मामले के आधार पर आठ दिसंबर 2023 को जिलाधिकारी फिरोजाबाद ने तीनों परिजनों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही शुरू करते हुए नोटिस जारी किया था। जिसके खिलाफ याचियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

याची के अधिवक्ता दीपक कुमार पांडेय का तर्क था कि गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही उन आदतन अपराधियों के खिलाफ की जाती है, जो लोकशान्ति के लिए खतरा बना जाए। मौजूदा मामले व्यक्तिगत विवादों के जुड़े हैं।

कोर्ट ने जिलाधिकारी फिरोजाबाद की ओर से गुंडा एक्ट के तहत जारी नोटिस को रद्द करते हुए प्रमुख सचिव गृह पर तीस हजार रुपए का हर्जाना लगा दिया। कोर्ट ने हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार को आदेश के अनुपालन के लिए आदेश की प्रति प्रमुख सचिव गृह और जिलाधिकारी फिरोजाबाद को एक हफ्ते के भीतर प्रेषित करने का निर्देश दिया है।

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