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उधम सिंह नगर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कुमाऊं विजिलेंस की टीम ने मुख्य आंगनबाड़ी वर्कर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। मामला ‘नंदा गौरा योजना’ से जुड़ा है, जिसमें छात्राओं को इंटरमीडिएट पास करने पर आर्थिक सहायता दी जाती है।

दरअसल, विजिलेंस को टोल फ्री नंबर 1064 पर एक शिकायत मिली थी, जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि उसकी बहन को 40 हजार रुपये की स्कॉलरशिप मिलनी थी। लेकिन स्कूल की प्रिंसिपल और आंगनबाड़ी वर्कर मिलकर 20 हजार रुपये की रिश्वत मांग रही थीं।

जांच में पाया गया कि शिकायतकर्ता की बहन के खाते में 28 मार्च 2025 को योजना की धनराशि ट्रांसफर हो चुकी थी। लेकिन आंगनबाड़ी वर्कर लगातार लड़की को रिश्वत देने के लिए दबाव बना रही थी, और धमकी दे रही थी कि यदि पैसे नहीं दिए गए तो भविष्य में किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

शिकायत की पुष्टि होने के बाद विजिलेंस टीम ने पुलिस उपाधीक्षक अनिल सिंह मनराल के नेतृत्व में ट्रैप टीम गठित की। 5 मई को टीम ने सितारगंज में आरोपी आंगनबाड़ी वर्कर को उसके घर के बाहर 2 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

वर्तमान में आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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