हल्द्वानी। प्रतियोगी परीक्षाओं में युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले एक बड़े नकल गिरोह का खुलासा करते हुए हल्द्वानी पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा के निर्देश पर की गई, जिसमें गैंग लीडर समेत शातिर आरोपी धर दबोचे गए हैं।
गिरफ्तार आरोपी सुनियोजित ढंग से लाखों रुपये लेकर ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने की साजिश रच रहे थे। पकड़े गए अभियुक्तों के कब्जे से दो लैपटॉप, 11 मोबाइल, वाई-फाई डोंगल और चार्जर बरामद किए गए हैं।
एसएसपी मीणा ने खुलासा करते हुए बताया कि हल्द्वानी के परीक्षा केंद्रों में सक्रिय नकल गैंग की सूचना मिलने के बाद सीओ नितिन लोहनी के पर्यवेक्षण में कोतवाली प्रभारी राजेश कुमार यादव के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। इस टीम ने रामपुर रोड स्थित टीपी नगर के एक होटल पर छापा मारकर गैंग को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
पुलिस के मुताबिक, गैंग 6 अगस्त से शुरू होने वाली एसएससी परीक्षा में बड़ी तादाद में अभ्यर्थियों को पास कराने की तैयारी में था। इस गैंग में यूपी, हरियाणा और उत्तराखंड के युवक शामिल हैं, जिनकी पहचान गैंग लीडर सुनील कुमार, परविंदर कुमार, राहुल शर्मा, अभिषेक कुमार, विशाल गिरि, आफताब खान, अरुण कुमार, शिव सिंह और जसवीर सिंह के रूप में हुई है।
पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि यह गिरोह हल्द्वानी में दिसंबर 2024 से “डिजिटल लाइब्रेरी” के नाम पर फर्जीवाड़ा चला रहा था। बिल्डिंग को देहरादून निवासी दीपक कन्नौजिया से लीज पर लिया गया था, जहां एनीडेस्क और अन्य रिमोट सॉफ्टवेयर के जरिये परीक्षार्थियों को बैठकर नकल कराई जाती थी। इसके एवज में हर उम्मीदवार से 4 लाख रुपये वसूले जा रहे थे।
गिरोह का मकसद परीक्षा केंद्रों में बैठे सॉल्वरों के साथ मिलकर, दूर बैठे IT एक्सपर्ट्स के माध्यम से पेपर हल करवाना था।
पुलिस ने सभी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच में यह भी सामने आया कि कई आरोपियों पर मुजफ्फरनगर और मेरठ में पहले से ही धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और साइबर अपराधों के मामले दर्ज हैं।
(एसएसपी मीणा का बयान)
“हम युवा पीढ़ी के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। जो भी इस प्रकार की अवैध गतिविधियों में शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।”