
दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अरविंद केजरीवाल की रिमांड खत्म होने पर उन्हें कोर्ट में पेश करते हुए ईडी ने कुछ चौंकाने वाले दावे किए. ईडी ने कोर्ट को बताया कि सीएम केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और सवालों के गोलमोल जवाब दे रहे हैं. ईडी ने इसके साथ ही दावा कि जांच अधिकारियों ने जब आप प्रमुख केजरीवाल से इस मामले के आरोपी विजय नायर को लेकर सवाल किया तो उन्होंने इस कोई संबंध नहीं होने की बात कही।





ईडी ने कोर्ट को बताया कि इस केस के मुख्य आरोपी विजय नायर का बयान दिखाने पर केजरीवाल ने कहा कि विजय नायर उन्हें नहीं, बल्कि आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करते थे, उनसे विजय नायर का इंटरेक्शन बहुत कम था. कोर्ट में ईडी की तरफ से पेश एएसजी नायर ने जैसे ही आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम लिया, तो दोनों चौक गए।
ईडी के मुताबिक, खुद विजय नायर कह चुका है कि वो एक कैबिनेट मिनिस्टर के आवास में रहकर आबकारी नीति बना रहा था. सीएम कैंप ऑफिस से वो काम करता था, इस पर केजरीवाल गोल-मोल जवाब दे रहे हैं और कह रहे हैं कि कैंप ऑफिस में कौन काम करता है, इसकी डायरेक्ट उन्हें जानकारी नहीं रहती।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि विजय नायर आप पार्टी का कोई मामूली वॉलेंटियर नहीं, बल्कि पूरे मीडिया कम्युनिकेशन सेल का हेड था. केजरीवाल को विजय नायर के कई वॉट्सएप चैट दिखाए गए लेकिन अरविंद केजरीवाल ने किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।
केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी और रमेश गुप्ता पेश हुए, जबकि ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने दलीलें दी. ईडी ने केजरीवाल को जेल भेजने के रिमांड नोट में लिखा है कि अरविंद केजरीवाल को कस्टडी के दौरान दूसरे आरोपियों और उनके स्टेटमेंट से कन्फ्रन्ट कराया गया पर अरविंद केजरीवाल ने जांच में सहयोग नहीं किया।
इसके बाद एएसजी राजू ने न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए कहा कि हम रिमांड नहीं चाहते. कोर्ट ने इसके बाद सीएम केजरीवाल को 15 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।