रुद्रपुर। ऊधमसिंह नगर पुलिस ने राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित 29 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी मामले में बड़ी सफलता हासिल करते हुए मास्टरमाइंड व 25 हजार के इनामी अपराधी रामकुमार उर्फ चेयरमैन को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसे हरियाणा के सोनीपत जिले से हाईटेक और योजनाबद्ध तरीके से गिरफ्तार किया।
यह मामला 2 सितंबर 2024 को सामने आया था, जब इंडसइंड बैंक रुद्रपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और भूमि अधिग्रहण अधिकारी (CALA) के खातों से 28 से 31 अगस्त के बीच करीब 29.5 करोड़ रुपये फर्जी चेकों के माध्यम से निकाले गए। जैसे ही CALA अधिकारी कौस्तुभ मिश्रा को खातों में गड़बड़ी की जानकारी मिली, उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचित किया।
पूर्व एसएसपी ने तत्काल एक SIT टीम गठित की, जिसमें जांच की कमान अरविंद बहुगुणा को सौंपी गई। शुरुआती जांच में बैंक मैनेजर देवेंद्र सिंह और एक महिला क्लर्क को गिरफ्तार किया गया, हालांकि बाद में महिला क्लर्क को जांच से बाहर कर दिया गया।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने दी जांच को गति
5 सितंबर 2024 को एसएसपी का पदभार संभालने के बाद मणिकांत मिश्रा ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जांच टीम को हर पहलू की बारीकी से छानबीन के निर्देश दिए। जांच के दौरान पंजाब से ललित कुमार महेन्द्रू उर्फ लाली को 1 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया।
मुख्य साजिशकर्ता रामकुमार पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था। वह VPN और फर्जी कॉल्स की मदद से पुलिस को गुमराह कर रहा था और बार-बार ठिकाने बदल रहा था।
गर्लफ्रेंड बनी गिरफ्तारी की कड़ी
जांच में सामने आया कि रामकुमार सरोगेसी के ज़रिए पिता बनने की तैयारी कर रहा था। इसी सिलसिले में उसकी गर्लफ्रेंड के माध्यम से अहम सुराग हाथ लगे। पुलिस ने इसी सूचना को आधार बनाकर उसकी लोकेशन ट्रेस की और 23 जून 2025 को उसे सोनीपत, हरियाणा से रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद रामकुमार ने खुलासा किया कि 29 करोड़ की ठगी महज शुरुआत थी और उसकी योजना 300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। वह कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि संगठित गिरोह का सरगना है और हत्या, लूट समेत 18 से अधिक गंभीर मामलों में वांछित है।
टीम को मिला इनाम
इस सफलता में SOG प्रभारी संजय पाठक, उपनिरीक्षक अरविंद बहुगुणा, कांस्टेबल ललित कुमार व गिरीश पाटनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने पुलिस टीम को 25 हजार रुपये के इनाम के साथ-साथ अतिरिक्त 5 हजार रुपये का पुरस्कार भी प्रदान किया।
अपराध चाहे कितना भी हाई-प्रोफाइल और शातिर क्यों न हो, ऊधमसिंह नगर पुलिस की टेक्निकल रणनीति और सूझबूझ से कोई भी अपराधी कानून से नहीं बच सकता।