
26 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। निहत्थे पर्यटकों पर हुई इस गोलीबारी के बाद देशभर में गम और गुस्से का माहौल था। लेकिन हमले के ठीक अगले दिन ऋषिकेश एम्स में तैनात एक डॉक्टर ने मिठाइयां बांटकर खुशी जाहिर की।





डॉक्टर से जब इस खुशी का कारण पूछा गया, तो उन्होंने रमज़ान और ईद की बात कही। लेकिन उस समय न तो रमज़ान समाप्त हुआ था और न ही ईद का दिन था। इस हरकत को लेकर देशभर में विरोध शुरू हो गया।
विवाद यहीं नहीं रुका। डॉक्टर तंजीम अकरम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ आपत्तिजनक पोस्ट भी किए, जिससे मामला और गरमा गया। विश्व हिंदू परिषद सहित अन्य संगठनों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
विश्व हिंदू परिषद ने डॉक्टर के खिलाफ ऋषिकेश कोतवाली में शिकायती पत्र भी दिया। इसके साथ ही आपत्तिजनक पोस्ट के स्क्रीनशॉट भी पुलिस को सौंपे गए। जांच के बाद पुलिस ने 16 मई को डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
[- एसएसपी अजय सिंह]
“मामला संवेदनशील है। जांच के बाद BNS की धाराओं 196(1)(a), 196(1)(b) और 197(1)(a) के तहत केस दर्ज किया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।”
एम्स प्रशासन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और संस्थान कानून का पूरा सहयोग कर रहा है, अब देखना ये होगा कि जांच में क्या निकलकर आता है और डॉक्टर पर क्या कार्रवाई होती है। लेकिन एक बात तय है — आतंकी हमले जैसे गंभीर मसलों पर लापरवाह रवैये को समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा।