*एक्शन में BJP” UP के चुनाव नतीजों को लेकर यूपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी दिल्ली तलब…*

Share the news

लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अगर किसी प्रदेश ने बहुमत से पहले रोका है तो उसका नाम उत्तर प्रदेश है. जिस यूपी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनकर आते हैं, वहां बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी बन गई है. यूपी में बीजेपी के इस खराब प्रदर्शन की समीक्षा शुरू हो गई है. शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को दिल्ली तलब कर लिया है. माना जा रहा है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व उनसे हार के कारणों की रिपोर्ट ले सकता है।

उत्तर प्रदेश में बीजेपी इस बार सिर्फ 33 सीटें जीतने में कामयाब हुई, जबकि उसकी सहयोगी आरएलडी दो और अपना दल (एस) सिर्फ एक सीट जीत पाई. यानि 2014 में 74 सीट और 2019 में 64 सीट जीतने में कामयाब होने वाली एनडीए इस बार सिर्फ 36 सीट पर सिमट गई. वहीं इंडिया गठबंधन के हिस्से में 43 सीट आई है, जबकि एक सीट पर आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर जीतने में कामयाब हुए. एनडीए को वोट प्रतिशत 8 फीसदी से अधिक गिर गया।

यूपी में बीजेपी ने राम, राशन और राष्ट्रवाद के नाम पर चुनाव लड़ा और 75 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन बीजेपी 36 सीट पर ही रूक गई. इसका असर देश की राजनीति पर पड़ा और बीजेपी अपने दम पर बहुमत से दूर 240 सीट पर ही अटक गई. यूपी में बीजेपी के इस शर्मनाक प्रदर्शन की समीक्षा शुरू हो गई है. शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को तलब किया है और हर सीट की रिपोर्ट मांगी जा सकती है।

यूपी में मोदी सरकार के कई मंत्री भी चुनाव हार गए. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, महेंद्र नाथ पांडेय, संजीव कुमार बालियान, साध्वी निरंजन ज्योति पटेल, भानु प्रताप सिंह वर्मा, कौशल किशोर और अजय मिश्रा चुनाव हार गए. वहीं चुनाव में जीत हासिल करने वाले केंद्रीय मंत्रियों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, कानून एवं न्याय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल और उपभोक्ता मामले एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल शामिल हैं।

इससे पहले यूपी सरकार के मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने सूबे में बीजेपी के खराब प्रदर्शन की वजहें बताई. उन्होंने तीन कारण गिनाए हैं. धर्मवीर प्रजापति का कहना है कि संविधान और आरक्षण बीजेपी के लिए नुकसान साबित हुआ, हम इन आरोपों का जवाब नहीं दे पाए. उन्होंने कहा कि कुछ उम्मीदवार के खिलाफ नाराजगी थी, इसका आकलन नहीं हुआ. धर्मवीर प्रजापति के साथ ही मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी बीजेपी की हार के लिए संविधान-आरक्षण इफेक्ट को जिम्मेदार माना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *