
नैनीताल चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू अलर्ट, प्रशासन ने कसी कमर..





नैनीताल से बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए नैनीताल चिड़ियाघर को हाई अलर्ट पर रखा गया है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के निर्देशों के तहत कई एहतियाती कदम उठाए गए हैं ताकि पक्षियों और अन्य जानवरों को संक्रमण से बचाया जा सके।
नैनीताल डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने जानकारी दी कि चिड़ियाघर में दो पशु चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है और बाघ, तेंदुआ जैसे जानवरों समेत सभी पक्षियों के ब्लड सैंपल लिए जा चुके हैं। इनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में हाल ही में सामने आए बर्ड फ्लू के मामलों के बाद नैनीताल चिड़ियाघर को विशेष रूप से संवेदनशील माना जा रहा है। यहां मोनाल, मोर, गिद्ध, उल्लू, तोता जैसी दुर्लभ और विदेशी पक्षी प्रजातियां मौजूद हैं, जिन पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
(डीएफओ चंद्रशेखर जोशी):
“हमने चिड़ियाघर को हाई अलर्ट पर रखा है। सभी पक्षियों और जानवरों की नियमित जांच की जा रही है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई है।”
चिड़ियाघर परिसर में बाहरी पक्षियों के प्रवेश को रोकने के लिए चारों ओर नेटिंग की गई है। सभी बाड़ों को सैनिटाइज किया जा रहा है और कर्मचारियों को PPE किट, मास्क, दस्ताने पहनकर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
फिलहाल चिड़ियाघर बंद नहीं किया गया है, लेकिन पर्यटकों को पक्षियों के पास जाने की अनुमति नहीं है। बैरिकेडिंग की गई है और मास्क व सैनिटाइजेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
बर्ड फ्लू के लक्षणों — जैसे सुस्ती, भूख न लगना, गर्दन मरोड़ना और सांस लेने में दिक्कत — की पहचान के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है, जो रोजाना रिपोर्ट तैयार कर रही है। अगर कोई लक्षण नजर आते हैं, तो उस पक्षी को आइसोलेशन में रखा जाएगा।
फिलहाल उत्तराखंड में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन एहतियात के तौर पर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। चिड़ियाघर प्रशासन ने लोगों से सहयोग की अपील की है ताकि इस संक्रमण को रोका जा सके।