उत्तराखंड में धर्मांतरण गिरोह का बड़ा खुलासा: पाकिस्तान और दुबई से इंटरनेशनल कनेक्शन, दो युवतियां बचाई गईं

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उत्तराखंड पुलिस ने धर्मांतरण के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसके तार न सिर्फ उत्तर प्रदेश के चर्चित आगरा धर्मांतरण केस से जुड़े हैं, बल्कि इसका इंटरनेशनल कनेक्शन दुबई और पाकिस्तान तक फैला हुआ है। देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने शनिवार को इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से दो युवतियों को धर्मांतरण के जाल में फंसने से बचा लिया गया।

शिकायत से खुला मामला

रानीपोखरी थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने 18 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी 21 वर्षीय बेटी पिछले कुछ समय से अजीब व्यवहार कर रही है। जांच में सामने आया कि कुछ युवक-युवतियां उसे बहला-फुसलाकर धर्मांतरण के लिए मजबूर कर रहे हैं।

ब्रेनवॉश की साजिश, पैसों और शादी का लालच

पुलिस जांच में सामने आया कि सहसपुर निवासी अब्दुर रहमान, मुजफ्फरनगर निवासी अबू तालिब, दिल्ली निवासी अयान और अमन, गोवा की श्वेता तथा अन्य लोग युवती को धर्म बदलने के लिए मानसिक रूप से प्रभावित कर रहे थे। आरोपी उसे रुपयों, शादी और बेहतर जिंदगी का लालच देकर उसका ब्रेनवॉश कर रहे थे।

फेसबुक से शुरू हुआ जाल, पाकिस्तान-दुबई कनेक्शन

पीड़िता की अबू तालिब से दोस्ती फेसबुक पर हुई थी। तालिब ने न सिर्फ उसे धार्मिक सामग्री पढ़ाई, बल्कि उसका नाम भी बदल दिया। आगे चलकर उसे झारखंड निवासी अयान से मिलवाया गया और शादी की साजिश रची गई। उसे ऑनलाइन फोन, सिम, कपड़े तक भेजे गए ताकि वह घर से भाग सके। उसे बताया गया कि कैसे ओटीपी लेकर व्हाट्सएप बिजनेस चलाना है और फिर सबूत मिटाने के लिए फोन को नष्ट करना है।

अंत समय में मना करने से बची जान

आखिरी समय में युवती ने घबराकर कैब से बाहर निकलने से इनकार कर दिया, जिससे उसकी जान बच गई। योजना थी कि उसे दिल्ली के एक “सेफ हाउस” में रखा जाए और फिर निकाह कराया जाए।

प्रेमनगर में दूसरा मामला, ब्रेनवॉश का पैटर्न दोहराया गया

दूसरे मामले में प्रेमनगर क्षेत्र की एक युवती को भी इसी गिरोह ने टारगेट किया। वह पढ़ाई के लिए बरेली से देहरादून आई थी और उसे भी पहले दोस्ती और फिर ब्रेनवॉश के जरिए धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया। काउंसलिंग में सामने आया कि उसे रमजान के दौरान पुलवामा भी बुलाया गया था।

पाकिस्तानी मौलवी और एप्लीकेशन के जरिए संपर्क

इस पीड़िता ने बताया कि एक पाकिस्तानी मौलवी तनवीर अहमद ने उसे ऑनलाइन तालीम देने की पेशकश की। साथ ही एक पाकिस्तानी व्यक्ति तहसीन, जो दुबई में काम करता है, से भी संपर्क हुआ। तहसीन के माध्यम से ही वह देहरादून निवासी सुलेमान से मिली, जो धर्मांतरण की साजिश में शामिल था।

पैसों के लेन-देन और आधार कार्ड में बदलाव

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि पीड़िता से सुलेमान के खाते में पैसे भी डलवाए गए। आरोपी चाहते थे कि धर्मांतरण और निकाह की प्रक्रिया दिल्ली में कराई जाए। इसके लिए आधार कार्ड में पता भी बदला गया और दिल्ली से कनवर्जन सर्टिफिकेट बनवाने की तैयारी थी।

गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई

देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि अबू तालिब, अब्दुल रहमान, आयशा उर्फ कृष्णा समेत कई आरोपियों के खिलाफ उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। कई आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं और आगरा पुलिस के सहयोग से इनकी गिरफ्तारी की जाएगी।

ऑपरेशन ‘कालनेमि’ के तहत सख्त कार्रवाई

उत्तराखंड पुलिस का ऑपरेशन कालनेमि ऐसे सभी मामलों पर नजर रख रहा है, जिनमें धर्म और पहचान छिपाकर युवतियों को बहकाया जा रहा है। देहरादून पुलिस लगातार ऐसे मामलों की छानबीन कर रही है।

उत्तराखंड पुलिस की यह कार्रवाई न सिर्फ एक बड़ी साजिश को बेनकाब करती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि सोशल मीडिया और विदेशी संपर्कों के जरिए देश के युवाओं को निशाना बनाने की साजिशें किस तरह चल रही हैं।

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