
किसान मोर्चा (SKM) और किसान मजदूर मोर्चा समेत 26 किसान संगठन 13 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे. 13 फरवरी को किसानों के दिल्ली मार्च से पहले अंबाला, जींद और फतेहाबाद जिलों में पंजाब और हरियाणा की सीमाएं सील कर दी जाएंगी. किसान मार्च में 200 से ज्यादा किसान संगठन हिस्सा लेंगे. हरियाणा सरकार ने शनिवार को 7 जिलों-अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं और बल्क एसएमएस को निलंबित करने का आदेश दिया।





अंबाला में धारा-144 लागू
पंजाब के किसानों ने ऐलान किया है कि 10 हजार ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर दिल्ली जाने के लिए हरियाणा में दाखिल होंगे. इसके लिए शंभू बॉर्डर, डबवाली और खनौरी बॉर्डर को चुना गया है. पंजाब के किसानों को हरियाणा के रास्ते दिल्ली जाने से रोकने के लिए अंबाला में धारा-144 लागू कर दी गई है. पंजाब और हरियाणा के बीच बने शंभू बॉर्डर को सीमेंट की बैरिकेडिंग और कंटीली तारें लगाई गई हैं. प्रशासन ने घग्गर नदी के ऊपर बने ब्रिज को भी बंद कर दिया है।
किसानों के साथ बैठक
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय सोमवार को चंडीगढ़ में किसान यूनियन से मुलाकात करेंगे. इस दौरान 12 फरवरी तो शाम 5 बजे सेक्टर 26 में किसानों के साथ अहम बैठक की जाएगी. यह बैठक किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च से एक दिन पहले यहां सेक्टर 26 में महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में होगी. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने उन्हें अपनी मांगों पर चर्चा के लिए 12 फरवरी को बैठक के लिए आमंत्रित किया है।
13 फरवरी को दिल्ली चलो का आह्वान
13 फरवरी को दिल्ली चलो का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने किया है. इसका नेतृत्व करने वाले प्रमुख चेहरों में जगजीत सिंह डल्लेवाल शामिल हैं, जो भारतीय किसान यूनियन (एकता-सिद्धूपुर) के प्रमुख हैं।
लोगों को यात्रा करने से बचने की सलाह
हरियाणा में अर्द्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां तैनात की गई हैं. बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए करीब 152 से ज्यादा नाके लगाए गए हैं. प्रशासन की ओर से जग्गी सिटी सेंटर के सामने चंडीगढ़ की तरफ से रास्ते को डायवर्ट किया जाएगा. टीकरी बॉर्डर पर ड्रोन से निगरानी होगी. लोगों को यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई है।
नहीं रूकेंगी ट्रेनें, बसों को रोका जाएगा
हरियाणा के किसान नेता अभिमन्यु कोहर व अमरजीत सिंह मोरही का भी इन्हें समर्थन मिला हुआ है. इस संघर्ष में देशभर के किसान संगठन शामिल हो रहे हैं. देश के सभी शहरों के प्रमुख चौक पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. किसान नेताओं के मुताबिक, हम ट्रेनें नहीं रोकेंगे. प्रमुख सड़क मार्ग जरूर बंद किए जाएंगे, पर मरीजों, बारातियों, हवाई अड्डों पर जाने वालों को छूट दी जाएगी।