चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने पुलिस सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए कड़ा कदम उठाया है। राज्य में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए 52 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है।
इस संबंध में बुधवार को पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने जानकारी दी। बर्खास्त किए गए पुलिसकर्मियों में विभिन्न जिलों में तैनात 1 इंस्पेक्टर, 5 सहायक सब-इंस्पेक्टर, 4 हवलदार और 42 कांस्टेबल शामिल हैं।
साक्ष्यों के आधार पर हुई कार्रवाई
डीजीपी गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पंजाब के सभी जिलों और कमिश्नरेट में सीपी/एसएसपी ऐसे मामलों की पहचान कर रहे हैं, जिनमें पुलिस अधिकारी एफआईआर में वांछित हैं या भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक मामले में साक्ष्यों की गहन जांच के बाद उचित प्रक्रिया अपनाते हुए कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में फरीदकोट जिले में एक स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) और दो कांस्टेबलों को जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
डीजीपी ने पंजाब पुलिस की ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ पर जोर देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पंजाब में ई-एफआईआर सुविधा जल्द
पंजाब पुलिस अब मोटर वाहन चोरी के मामलों के लिए ई-एफआईआर सुविधा शुरू करने जा रही है। इस सुविधा के तहत लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या ‘सांझ केंद्र’ के जरिए वाहन चोरी की एफआईआर दर्ज करा सकेंगे।
डीजीपी ने बताया कि राज्य स्तर पर एक ई-पुलिस स्टेशन भी स्थापित किया जा रहा है, जिससे जनता का पुलिस से सीधा संपर्क कम होगा और पुलिस सेवाएं अधिक पारदर्शी बनेंगी।
पुलिस सुधारों पर जोर
पंजाब पुलिस ने भारतीय पुलिस फाउंडेशन के सहयोग से आंतरिक पुलिस सुधारों पर एक विशेष परियोजना शुरू की है। यह पहल पहले एसएएस नगर और रूपनगर में शुरू की गई थी और अब इसे फतेहगढ़ साहिब व खन्ना में भी लागू किया जा रहा है।
इस परियोजना के तहत शिकायत निवारण, एफआईआर पंजीकरण, पुलिस रिस्पॉन्स, व्यवहार सुधार, नागरिक सेवाओं में पारदर्शिता और सामुदायिक सहभागिता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम किया जा रहा है।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि ई-एफआईआर और पुलिस सुधारों से जनता को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और पुलिस तंत्र अधिक जवाबदेह बनेगा।