
कॉर्बेट पार्क से जिप्सी चालकों की लापरवाही की खबरें अक्सर आती रहती हैं. कभी वो पर्यटकों को हिंसक जंगली जानवरों के काफी नजदीक ले जाते हैं. कभी ओवर स्पीड से पर्यटकों की जान आफत में डालने के साथ वन्य जीवों की शांति भंग करते हैं. इस बार जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन ने ओवर स्पीड के आरोप में 46 जिप्सी चालकों का पार्क में प्रवेश बैन कर दिया है. कैसे पकड़ी गई इनकी तेज रफ्तार.





विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पर्यटकों को सफारी पर ले जाने वाली 46 जिप्सियों को कॉर्बेट प्रशासन ने तेज गति से वाहन चलाने पर प्रतिबंधित कर दिया है. पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर पार्क में जाने से इन वाहनों को रोका गया है. इनकी स्पीड जीपीएस से ट्रैक की गई थी।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में हर वर्ष लाखों की तादाद में देश-विदेश से पर्यटक जैव विविधता और वन्यजीवों के दीदार के लिए पहुंचते हैं. कॉर्बेट प्रशासन पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर भी हमेशा मुस्तैद रहने का दावा करता है. कॉर्बेट पार्क के अलग-अलग जोन में पर्यटकों को सफारी पर ले जाने वाली 350 से ज्यादा जिप्सियों पर भी कॉर्बेट प्रशासन की निगरानी रहती है।
कुछ समय पूर्व पार्क प्रशासन ने इन जिप्सियों पर जीपीएस लगाये थे. जिससे जिप्सी चालक सफारी के दौरान जंगल में ओवर स्पीडिंग न करें और जंगलों के नियमों का पालन करं. जीपीएस के जरिए पार्क प्रशासन लगातार इन जिप्सी चालकों पर नजर रख रहा था. कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने नोटिस किया कि कई जिप्सी चालक स्पीड नियंत्रण के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं. ऐसे में ओवर स्पीड चलने वाली 46 जिप्सियों को 7 से 15 दिनों के लिए पार्क में जाने से बैन कर दिया गया है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने बताया कि हमारे द्वारा सभी जिप्सियों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है. इससे हमारे द्वारा इन जिप्सियों पर लगातार नजर रखी जाती है. उन्होंने बताया कि पर्यटकों की सुरक्षा के चलते पार्क के अंदर 20 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड को निर्धारित किया गया है. लेकिन 46 से ज्यादा जिप्सी चालकों ने इस सीमा को पार किया. इसको लेकर इन जिप्सी चालकों को कॉर्बेट पार्क में सफारी पर जाने से 7 से 15 दिनों के लिए बैन किया गया है. उन्होंने कहा कि आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी. अगर जिप्सी चालक नहीं माने तो और कठोर कार्रवाई की जाएगी।