*उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे गबर सिंह के बाहर निकलते ही घर में मनाई गई दिवाली, बच्चों ने की आतिशबाजी; पढ़िए पूरी ख़बर..*

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उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में 17 दिन से फंसे कोटद्वार के बिशनपुर लालपानी निवासी गबर सिंह के बाहर निकल आने की सूचना के बाद परिजनों में खुशी की लहर है। मंगलवार रात को गबर सिंह की पत्नी ने जहां दिये जलाकर मिठाई बांटी।

 

वहीं बच्चों और पड़ोसियों ने पटाखे फोड़कर दिवाली मनाई। उनके सकुशल बाहर आने की सूचना के बाद बुधवार को भी उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। गबर सिंह की पत्नी जसोदा देवी ने बताया कि सुरंग से बाहर निकलने के बाद उनके पति ने फोन पर उनसे बात कर सकुशल होने की सूचना दी।

 

इस बीच क्षेत्र पंचायत सदस्य सुनीता कोटनाला, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष पंकज भाटिया, पार्षद अनिल रावत के साथ ही पास-पड़ोस के लोगों ने भी उनके घर पर पहुंचकर बधाई दी। गबर सिंह के सकुशल बाहर आने से उनके दोनों बच्चे आकाश और विकास भी काफी खुश है।

 

 

जसोदा देवी ने बताया कि सुरंग में फंसने की सूचना के बाद उनकी सांसें अटकी हुई थीं। हालांकि उनकी पति से रोजाना फोन पर बात हो रही थी, लेकिन फिर भी मन में एक डर सा बना हुआ था। पति के बाहर आने के बाद अब वह निश्चिंत हो गई हैं

 

बुधवार सुबह उन्होंने मंदिर में जाकर भगवान का शुक्रिया अदा किया। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी आभार जताया। परिवार को अब गबर सिंह के घर पहुंचने का इंतजार है।

 

वहीं सिलक्यारा टनल से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के बाद आज देहरादून स्थित सीएम आवास में ईगास यानी बूढ़ी दीपावली का उत्सव मनाया गया।

 

वैसे तो दिवाली के 11वें दिन यानी एकादशी को उत्तराखंड में ईगास मनाने का रिवाज है, लेकिन मजदूरों के सुरंग में फंसे होने के चलते सीएम धामी ने आवास पर आयोजित कार्यक्रम स्थगित कर दिया था।

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