वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंहनगर मणिकांत मिश्रा के निर्देशानुसार साइबर अपराध के विरुद्ध चलाए जा रहे जनजागरूकता अभियान के अंतर्गत, साइबर अपराध प्रकोष्ठ उधमसिंहनगर की टीम ने आज V-Guard Company, सिडकुल पंतनगर में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में कंपनी के कर्मचारियों को साइबर अपराध के विभिन्न पहलुओं और उससे बचाव के तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
*डिजिटल अरेस्ट से बचाव की जानकारी*
➡️ कार्यक्रम में सबसे पहले ‘डिजिटल अरेस्ट’ के बारे में बताया गया। टीम ने समझाया कि कैसे कुछ साइबर अपराधी खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर फर्जी गिरफ्तारी नोटिस या कॉल के जरिए डराने-धमकाने की कोशिश करते हैं, और इस तरह लोगों से पैसे ऐंठते हैं। कर्मचारियों को ऐसे मामलों में घबराने के बजाय तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करने की सलाह दी गई।
*सोशल मीडिया पर सतर्कता*
➡️ इसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सतर्क रहने के महत्व पर चर्चा की गई। टीम ने समझाया कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर निजी जानकारी, लोकेशन या बैंकिंग डिटेल साझा करने से कैसे साइबर अपराधी फायदा उठाते हैं। कर्मचारियों को मजबूत पासवर्ड इस्तेमाल करने और दो-स्तरीय सुरक्षा (Two-Factor Authentication) अपनाने की सलाह दी गई।
*ऑनलाइन गेमिंग के दुष्परिणाम*
➡️ सत्र में ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े जोखिमों पर भी प्रकाश डाला गया। टीम ने बताया कि कई गेमिंग ऐप्स के जरिए बच्चों और युवाओं को लत लगने के साथ-साथ आर्थिक नुकसान और आपराधिक गतिविधियों में फंसाने के मामले सामने आए हैं।
*साइबर बुलिंग, स्टॉकिंग, ग्रूमिंग और साइबर स्लेवरी*
➡️ कार्यक्रम के दौरान साइबर बुलिंग, स्टॉकिंग, ग्रूमिंग और साइबर स्लेवरी जैसी गंभीर समस्याओं पर भी जानकारी दी गई। टीम ने बताया कि इन अपराधों की पहचान समय रहते कैसे की जा सकती है और पीड़ितों को तुरंत मदद कहां से मिल सकती है।
*महत्वपूर्ण सुझाव और हेल्पलाइन*
➡️ साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने कर्मचारियों को सरल और प्रभावी सुझाव दिए—
➡️ *संदिग्ध लिंक या अटैचमेंट न खोलें*
➡️ *बैंकिंग व व्यक्तिगत जानकारी किसी से साझा न करें*
➡️ *नियमित रूप से पासवर्ड बदलें*
➡️ *किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी पुलिस से संपर्क करें*
➡️ जनपद उधमसिंहनगर पुलिस सभी नागरिकों से अपील करती है कि वे जागरूक और सतर्क रहें। साइबर अपराध से बचाव का सबसे मजबूत हथियार जागरूकता है।