असम के मणिपुर में बलिदानी हुए सेना के जवान हजारी चौहान का अंतिम सस्कार गंगा तट स्थित पूर्णानंद घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी जवान के बलिदान पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि असम में मां भारती की रक्षा करते हुए टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग निवासी हजारी सिंह के शहीद होने का समाचार अत्यंत दुःखद है। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। विनम्र श्रद्धांजलि!
राज्य सरकार की ओर से क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने शहीद को अंतिम सलामी देकर पुष्पांजलि अर्पित की। अग्रवाल ने कहा कि यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत पीड़ा का क्षण है क्योंकि हमने भाई और बेटा भी खोया है। हमारे रणबांकुरों ने उत्तराखण्ड की समृद्ध सैन्य परंपरा का पालन करते हुए मां भारती के चरणों में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
शहीद हजारी चौहान की अंतिम यात्रा में शहीद के भाई डबल सिंह, जितेंद्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, शहीद के पुत्र सन्दीप सिंह, कुलदीप सिंह, अंकित सिंह, रोहन सिंह, अजीत सिंह, उपजिलाधिकारी नरेंद्र नगर देवेंद्र नेगी, नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी तनवीर मारवाह व अन्य उपस्थित रहे। बता दें कि बलिदानी देवप्रयाग के रहने वाले हैं। वह वर्तमान में श्यामपुर खदरी रह रहे थे।