नैनीताल के बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर 60 लाख की ठगी

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ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा मामला नैनीताल जिले के बेतालघाट तहसील क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग से 60 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। ठगों ने खुद को टेलीकॉम विभाग, साइबर ब्रांच और सीबीआई का अधिकारी बताया और बुजुर्ग को झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी देकर उनसे लाखों रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

पीड़ित खेम सिंह (62 वर्ष), ग्राम रोपा, पोस्ट एवं तहसील बेतालघाट, जिला नैनीताल के निवासी हैं। उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, कुमायूं परिक्षेत्र, रुद्रपुर में तहरीर दी है कि 3 जुलाई 2025 को उनके मोबाइल पर एक अंजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को टेलीकॉम विभाग का अधिकारी बताया और कहा कि खेम सिंह के नाम पर सिम कार्ड लेकर कुछ लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है, इसलिए उनका नंबर बंद किया जा रहा है।

ठग ने उन्हें बताया कि इस मामले की शिकायत मुंबई में दर्ज है और अब उनसे पूछताछ की जाएगी। इसके बाद एक और नंबर से उनके व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपना नाम विजय खन्ना बताया और कहा कि वह साइबर ब्रांच, मुंबई में तैनात है। उसने बताया कि खेम सिंह के नाम से केनरा बैंक, मुंबई में एक बैंक खाता चल रहा है, जिसमें 68 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है। उसने कहा कि उस खाते में नरेश गोयल नाम के एक व्यक्ति द्वारा 68 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए हैं और खेम सिंह भी उस गिरोह के हिस्सेदार हैं।

खेम सिंह डर गए और अपनी सफाई में लगातार बात करते रहे। इसी दौरान वीडियो कॉल में और भी लोग जुड़े, जिन्होंने खुद को सीबीआई अफसर बताया। कॉल में एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में भी दिखाई दिया। उनसे बैंक खातों की जानकारी, फिक्स डिपॉजिट, पीपीएफ और जमीन-जायदाद की डिटेल्स मांगी गईं। बुजुर्ग ने डर के कारण सारी जानकारी दे दी।

ठगों ने उन्हें कहा कि यह जांच पूरी तरह गोपनीय है, इसलिए किसी से बात न करें। उन्हें “डिजिटल अरेस्ट” में बताया गया और कहा गया कि उनका फोन 24 घंटे निगरानी में रहेगा। कोर्ट से उन्हें ऑनलाइन सुनवाई की अनुमति मिलने की झूठी जानकारी दी गई और कहा गया कि जांच पूरी होने के बाद उन्हें क्लीयरेंस सर्टिफिकेट मिलेगा।

फिर एक-एक करके उनसे अलग-अलग तारीखों में रुपये ट्रांसफर करवाए गए। कभी आरटीजीएस से, कभी ऑनलाइन बैंकिंग से। कुल मिलाकर खेम सिंह ने तीन अलग-अलग बैंकों से — एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और उत्तराखंड ग्रामीण बैंक — से कुल 60 लाख रुपये के करीब 8 ट्रांजेक्शन करके ठगों को भेज दिए।

जब 16 जुलाई को उन्होंने अपने बेटे से 5 लाख रुपये की और मांग की तो बेटे को शक हुआ। बेटा शिक्षा विभाग में तैनात था और छुट्टी लेकर घर पहुंचा। जब उसने अपने पिता से बातचीत की, तब पूरे मामले का खुलासा हुआ। खेम सिंह को तब समझ में आया कि वह ठगी का शिकार हो चुके हैं।

साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल बैंक ट्रांजेक्शन की डिटेल्स और मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि ऐसे किसी भी कॉल, वीडियो कॉल या धमकी भरे मैसेज से सतर्क रहें और तुरंत 1930 पर शिकायत करें।

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