
नैनीताल में हाल ही में एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म की जघन्य घटना के बाद कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। इसी के तहत अब शहरभर में बाहरी लोगों और किरायेदारों के खिलाफ सत्यापन अभियान तेज़ कर दिया गया है।





नैनीताल पुलिस ने कई इलाकों को चिन्हित किया है जहां बाहरी लोगों की आवाजाही ज्यादा है। टैक्सी स्टैंड, मजदूर कॉलोनियां और झुग्गी झोपड़ी वाले क्षेत्रों में पुलिस की टीमें घर-घर जाकर किरायेदारों का सत्यापन कर रही हैं।
प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी नैनीताल
“इस अभियान का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति बिना वैध दस्तावेजों और पुलिस सत्यापन के शहर में न रहे। आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की पहचान कर उन्हें समय रहते क़ानून के दायरे में लाना हमारा लक्ष्य है।”
अब तक चलाए गए अभियान में पुलिस ने 500 से अधिक घरों और कमरों की जांच की है। इस दौरान कई ऐसे लोग पाए गए हैं जिनका कोई सत्यापन नहीं कराया गया था। कुछ लोगों के पास तो वैध पहचान पत्र तक नहीं थे।
एसएसपी ने साफ निर्देश दिए हैं कि मकान मालिक अपने किरायेदारों का विवरण स्थानीय पुलिस थाने में जमा करें, अन्यथा उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
त्रिभुवन, स्थानीय निवासी
“इस तरह के अभियान से हमें सुरक्षा का एहसास होता है। यह नियमित रूप से होना चाहिए ताकि शहर में अपराध पर लगाम लगाई जा सके।”
पुलिस और स्थानीय प्रशासन का यह संयुक्त प्रयास न केवल अपराधियों पर नकेल कसने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि शहर के आम नागरिकों को सुरक्षा का भरोसा भी देता है। नैनीताल जैसे पर्यटन और शिक्षा नगरी में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए यह मुहिम बेहद अहम मानी जा रही है।
नैनीताल पुलिस का संदेश साफ है – कानून तोड़ने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।